Jamshedpur: मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना को लेकर नगर विकास विभाग ने 26 जून को बैठक बुलाई है. सचिव विनय चौबे के निर्देश पर जमशेदपुर अक्षेस, जुस्को और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के स्थानीय अधिकारी बैठक में शामिल होंगे. जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने विभाग को 14 जून को पत्र लिखा था, उनके दिये सुझाव के आधार पर यह बैठक बुलाई गई है. सरयू राय ने अपने पत्र में नगर विकास विभाग के सचिव को मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के बारे में आरंभ से आ रही खामियों के बारे में बताया था. इस बीच जुस्को के सक्षम पदाधिकारियों ने दिनांक 15 जून को विभाग को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया है कि मोहरदा पेयजल परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर करने के साथ जलापूर्ति की मात्रा एवं गुणवत्ता में सुधार करना जरूरी है.
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गलत जगह पर बना है इंटेकवेल
जुस्को ने कहा है कि परियोजना का इंटेकवेल ऐसी जगह पर बना हुआ है जहां नदी के पानी के साथ आ रहे कूड़े-कचड़ों एवं प्लास्टिक के कारण इंटेकवेल में लगा हुआ पंप जाम हो जा रहा है, इसको दूर करने के सारे प्रयत्न उस समय बेकार हो जाते हैं, जब नदी का जल स्तर बढ़ने लगता है. उनका कहना है कि परियोजना में जो पाइप लाइन बिछायी गयी है, वे जनता की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं.
कभी भी ध्वस्त हो सकता है वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
वहां पानी की जो टंकियां बनायी गयी हैं, उसमें पर्याप्त दबाव नहीं बन पा रहा है और लाभुकों को पर्याप्त मात्रा में गुणवत्ता युक्त पानी नहीं मिल पा रहा हैं. इसके अतिरिक्त शुरुआती दौर से ही अवैध कनेक्शन की भारमार है, जिससे परियोजना के परिचालन में कठिनाई आ रही है. इसके अतिरिक्त बाढ़ के समय में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के सटे हुए नदी के किनारे पर कटाव हो रहा है, जो परियोजना के लिए खतरा बन रहा है, किसी भी समय वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ध्वस्त हो सकता है.
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बैठक का सार्थक निष्कर्ष निकलने की विधायक ने जताई उम्मीद
सरयू राय ने उम्मीद जतायी है कि 26 जून को बुलाई गयी बैठक का सार्थक निष्कर्ष निकलेगा. उन्होंने सचिव से आग्रह किया है कि बैठक में एक जून 2017 को जुस्को, जमशेदपुर अक्षेस और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौता के आलोक में आगे की कारवाई की जाय. साथ ही 2008 में जब यह परियोजना पूरा हुआ घोषित की गयी, उस समय इसमें रह गयी तकनीकी, यांत्रिक व भौतिक कमियों को दूर करने के बारे में भी विचार किया जाये.