Uttrakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार को एनएच पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा टूट गया था. इसकी वजह से टनल में काम कर रहे करीब 40 मजदूर अंदर फंसे हैं. सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए करीब 27 घंटे से राहत-बचाव अभियान चल रहा है. रेस्क्यू टीम ने 60 मीटर मलबा काटकर हटा दिया है. अभी भी 35 मीटर तक मलबा हटाना बाकी है. मजदूरों से संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गयी. सभी मजदूर सुरक्षित हैं. उन्हें पाइपलाइन के जरिये ऑक्सीजन और पानी की सप्लाई की जा रही है. साथ ही पाइपलाइन के जरिये कंप्रेसर की मदद से टनल में फंसे मजदूरों तक खाना के पैकेट भेजे जा रहे हैं.
40 workers trapped in Uttarkashi under-construction tunnel collapse safe, 35 metres debris to be cleared to reach them
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— ANI Digital (@ani_digital) November 13, 2023
राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं कई टीमें
घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं. धामी ने कहा कि ईश्वर से कामना है कि जल्द ही सभी लोग सकुशल बाहर आ जायें. बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनसे फोन कर घटना के संबंध में जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. इधर उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि राहत बचाव कार्य में पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मचारी जुटे हैं.
रविवार अहले सुबह ढह गया था निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 40 मजदूर फंस गये थे. सुरंग का ढहने वाला हिस्सा सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है. सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के अनुसार, सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं. बता दें कि सड़क परियोजना के तहत बन रही साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जायेगा.
टनल में फंसे हैं ये मजदूर
टनल में फंसे मजदूरों में उत्तर प्रदेश के अखिलेश कुमार, अंकित, राममिलन, सत्यदेव, संतोष, जयप्रकाश, राम सुंदर, मंजीत, झारखंड से विश्वजीत कुमार, सुबोध कुमार, अनिल बेदिया, सिराजेंद्र बेदिया, सुखराम, टिंकू सरदार, गुनोधर, रंजीत, रविन्द्र, समीर, महादेव, भुक्तु मुर्मू, चमरा उराव, विजय होरो, गणपति, बिहार से सबह अहमद, सोनू शाह, वीरेन्द्र किस्कू, सुबोध कुमार, वेस्ट बंगाल से मनिल तालू कदार, सेविक पखेरा, जयदेव पर्मानिक, उड़ीसा के तपन मंडल, भगवान वत्रा, विशेषर नायक, राजू नायक, धीरेन, उत्तराखंड के गब्बर सिंह नेगी, पुष्कर, असम के संजय, रामप्रसाद, हिमाचल प्रदेश के विशाल शामिल हैं.