Surjit Singh
विनोद राय का नाम याद होगा आपको. दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से अर्थशास्त्र विषय से एमए करने वाले. हार्वर्ड विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर करने वाले. भारत सरकार के पूर्व महानियंत्रक एवं महालेखाकार. यानी सीएजी. करीब 13 साल पहले इन्होंने देश को एक आंकड़ा दिया था. 2जी घोटाले में. 1.76 लाख करोड़ के घोटाले का आंकड़ा. मनमोहन सरकार हिल गई थी. सीबीआई ने जांच शुरु की. दूरसंचार मंत्री ए राजा को जेल जाना पड़ा. 41 लोगों पर आपराधिक मुकदमा चला. 21 दिसंबर 2017 को अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि घोटाला हुआ ही नहीं. अदालत वर्षों तक इंतजार करती रही और किसी ने भी नहीं बताया कि 1.76 लाख करोड़ का घोटाला हुआ है. यह वही मामला है, जिसमें यूपीए की मनमोहन सरकार की बड़ी बदनामी हुई और देश भर में सरकार की छवि भ्रष्टाचार करने वाली बनी.
विनोद राय को क्या मिला
विनोद राय 7 जनवरी 2008 से 22 मई 2013 तक देश के पूर्व महानियंत्रक व महालेखाकार के पद पर रहे. वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार आयी. वर्ष 2016 में सरकार ने उन्हें बैंक बोर्ड ब्यूरो का चेयरमैन बनाया गया. यह बोर्ड पब्लिक सेक्टर के बैंकों में उच्च स्तर पर नियुक्तियों को लेकर केंद्र सरकार को सलाह देने का काम करती है. इतना ही नहीं केंद्र की मोदी सरकार ने मार्च 2016 में विनोद राय को पदम भूषण अवार्ड से नवाजा.
टेलिकॉम सेक्टर को क्या मिला – 1.69 लाख करोड़ का घाटा
पूर्व सीएजी विनोद राय ने टेलिकॉम सेक्टर के 2जी स्पेक्ट्रम निलामी में कथित घपले की बात की थी. उन्होंने 1.76 लाख करोड़ रूपये के घोटाले की बात की थी. यह जानना दिलचस्प होगा कि टेलिकॉम सेक्टर पर इसका क्या असर पड़ा.
– 1.76 लाख करोड़ के घोटाले की बात कही थी, वह तो हुआ नहीं. लेकिन आज की तारीख में टेलिकॉम सेक्टर का 1.69 लाख करोड़ रूपये का घाटा सबके सामने है.
– जिस वक्त देश में इस घोटाले की बात चल रही थी. जिसका खामियाजा यूपीए सरकार को उठाना पड़ा. उस वक्त देश में कम से कम 17 टेलिफोन कंपनियां थी. अब सिर्फ 4 बची हैं.
– 4 कंपनियों में से से भी वोडाफोन-आईडिया खत्म होने के कगार पर है. सरकारी नियंत्रण वाली BSNL की स्थिति भी खराब है.
– वोडाफोन-आइडिया के डूबने का असर बैंकों पर पड़ेगा. हजारों करोड़ रूपये के लोन डूब जायेंगे और आम लोगों का पैसा बर्बाद हो जायेगा.
– स्थिति यह है कि देश में सिर्फ दो ही टेलिकॉम कंपनियां बचेगी. JIO और AIRTEL.
– एयरटेल भी कब तक बचेगी, यह कहना मुश्किल ही है.
तो होगा क्या
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में टेलिकॉम सेक्टर मोनोपोली की और तेजी से बढ़ता जा रही है. यह सेक्टर देश में सबसे अधिक रोजगार देने वाला सेक्टर रहा है. लेकिन अब यह सेक्टर एक या दो कंपनियों के हाथ में होगी. टेलिकॉम सेक्टर के पास 100 करोड़ से अधिक लोगों के घरों की हर गतिविधि का डाटा है. जो टेलिकॉम सेक्टर बचेगा. वह है JIO. यानी मुकेश अंबानी की कंपनी. मुकेश अंबानी की ही दूसरी कंपनियां देश में किराना, दवा, डिजिटल शिक्षा, कपड़ा, खिलौना, फर्नीचर सबकुछ बेचने का काम करता है. मतलब यह की कॉल दर और इंटरनेट पर एक कंपनी का कब्जा. साथ में आपकी हर गतिविधियों का डाटा भी. आप रटते रहिये पेगासस, पेगासस…