Ranchi: कुछ दिनों से व्हाट्एस एप पर एक ऑडियो वायरल है. ऑडियो साहेबगंज जिला से संबंधित है. ऑडियो में एक जलपोत कारोबारी और साहेबगंज जिले के मिर्जापुर थाना के पूर्व प्रभारी के बीच हो रही है. कारोबारी का नाम अंकुश है और पुलिस पदाधिकारी का नाम रामहरीष निराला है. ये दोनों साहेबगंज कैसे चल रहा है, उसपर चर्चा कर रहे हैं. चर्चा में किसी मिश्रा जी के बारे में कहा जा रहा है. ऑडियो का मजमून यह है कि जिले को कोई मिश्रा जी ही चला रहा है. छोटे बड़े सभी अधिकारियों की पोस्टिंग और तबादला मिश्रा जी के ही इशारे से हो रहा है.
पुलिस पदाधिकारी का कहना है कि पोस्टिंग के लिए उनसे भी मिश्रा जी ने पांच लाख रुपए लिए हैं. लेकिन पोस्टिंग नहीं करा रहे हैं. यहां तक कि जिला के एसपी और रेंज डीआईजी की भी मिश्रा जी के सामने नहीं चलती है. ऑडियो में किसी ढाहू और उसके भाई फिरोज का भी जिक्र है. बताया जा रहा है कि ढाहू जिले का सबसे पावरफुल शख्स बन गया है. उसी के इशारे पर सिस्टम काम कर रहा है. सुने और पढ़े क्या है पूरे ऑडियो में…
सुनें ऑडियो
अंकुशः आपकी याद तो आपको फोन कर लिया, अभी कहां हैं सर.
पुलिस अधिकारीः अभी साहेबगंज में हैं, सुबह जाएंगे राजमहल. लाइन में ट्यूटी बंटा है.
अंकुशः अभी पोस्टिंग नहीं हुआ है सर.
पुलिस अधिकारीः नहीं हुआ है.
अकुशः उसमें लगे नहीं है. आपका पोस्टिंग में इतना दिक्कत तो नहीं होता है.
पुलिस अधिकारीः अभी हम चुप-चाप है, एक बड़ी राजनीति करके हमको वहां से हटाया है. अभी मिश्रा जी हैं इसलिए बहुत कमजोर हैं. मुफ्फसिल में पांडेय जी हैं, तो उसको मिश्रा जी हटाएंगे नहीं.मिश्रा जी ही पोस्टिंग कर रहे हैं. सब वही कर रहे हैं. आने के बाद भी हम उनको पांच लाख रुपये दिये. लेकिन जब मिलने के लिए जा रहे हैं तो काछ (टाल) रहे हैं. कहे रहे हैं कि कभी घर के लोग आ गए हैं. कभी तबियत ठीक नहीं है. तो कभी कह रहे हैं कि अच्छा निराला जी पोस्टिंग होगा तो हम आपको बुला लेंगे. तीन बार हम उनके पास गए, उसके बाद हम नहीं गए. देखिए क्या होता है. ये एसपी भी बदलने वाले हैं. एक या डेढ़ हफ्ता में आने वाले एसपी से ही संपर्क किया जाएगा. ई एसपी को भेट ही नहीं करते हैं. मिश्रा जी ही पोस्टिंग करते हैं, हटाते हैं.
सब राजनीति वही करते हैं. एक और मिश्रा जी है जो अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बड़हरवा हैं. परसो पिटाए हैं पूरा. सुनते हैं कि कपार-उपार फाड़ दिया है पब्लिक. यहीं दोनों आदमी मिलकर पूरा जिला चलाता है. मेरा मात्र 12 महीना नौकरी है. ई एसपी हैं तो छह महीना पहले क्लोज कर लेते हैं. रहा छह और महीना. अब छह महीना के लिए अगर ई लोग हेवी डिमांड अगर कहीं मांगेगा. तो देने से मुर्खता ही ना होगा. पॉकेट में का भी चल जाएगा और रिकवरी भी नहीं होगा.
अंकुशः अभी का सिचुवेशन है कि रिकवरी होना मुश्किल है.
पुलिस अधिकारीः अभी दो तीन महीना हुआ तालझारी को पोस्टिंग हुए. अब सुनते हैं कि उसको भी हटाएगा. देखते हैं अब कहां करता है पोस्टिंग.
अंकुशः हमलोग भी तो परेशान ही है सर. आपको तो पता ही होगा.
पुलिस अधिकारीः वो जोड़ लेते हैं. हमरे यहां ट्रक गिना ऊ लोग. वो और एसडीओ मिलकर. पीके मिश्रा. मान लीजिए कि जहां लोकल आदमी रहता है, वहां चार सौ गाड़ी चल रहा है तो डेढ़-दो सौ गाड़ी फ्री ही चलता है. वो लोग चार सौ गाड़ी जोड़कर कहा कि निराला जी धोखा दिए हैं. ई लोग हमको हटा दिया और जिसको भेजा है, उसको प्रति दिन के हिसाब से तय करके भेजा है. मिश्रा जी तो परिक गए हैं, पुलिस का पाकेट में झांकने के लिए. मिर्जा चौकी से वसूली कराकर अपने यहां मंगाते थे. वहां के विधायक टाइट हुआ (लोबिन हेमब्रम) तो बात खत्म हुआ. सोच रहे हैं कि क्या करें या नहीं करें. मिश्रा जी दूसरा जात का नहीं हैं अपना ही जात का हैं. दूसरा जात का ई लोग गिन कर दुहता है पूरा. वहां तो पैसा कमाए हम, लेकिन एक-एक पैसा जोड़ कर ये लोग ले लिया हमसे.
अंकुशः बहुत उत्साह के साथ गए थे आप बीजेपी का जब राज था. हमलोग से आपका बात होता ही था.
पुलिस अधिकारीः ई लोग चूस लिया हमको चारों तरफ से. इसमें मिश्रा जी आ गया. मंत्री जी सीधा पड़ते हैं. उनको खेला दिया सब.
अंकुशः हमलोग के लायक सर होगा तो हमको बताइएगा.
पुलिस अधिकारीः अभी तो आप लोगों का ही ना चल रहा है. आपका और ढाहू का.
अंकुशः सर नाम का सिर्फ मेरा चल रहा है. ढाहू जी का ही चल रहा है.
पुलिस अधिकारीः ढाहू तो जब मर्डर केस में फंसा था, तो जो हमारे औकात का चाज था हम किए.
अंकुशः अभी तो हमारे ऊपर भी पड़ा हुआ है प्रशासन.
पुलिस अधिकारीः काहे
अंकुशः नहीं पता है आपको
पुलिस अधिकारीः नहीं ये तो हमको नहीं पता है.
अंकुशः अभी जहाज पर से एक आदमी गिर गया था तो 302 का केस कर दिया हमपर.
पुलिस अधिकारीः कौन लगा दिया.
अंकुशः अब आप समझ ही रहे हैं. जहां से आप पीड़ित हैं, वहीं से हम भी पीड़ित हैं.
पुलिस अधिकारीः खली चुप रहिए. ई सब सिर्फ पैसा के चक्कर में रहता है. कैसे दूहा जाए बांध कर छान कर गाय को ये देखता है सब. कौन पैसा वाला पार्टी है, उसको कैसे फंसाया जाए.
अंकुशः सर मेरा एक एसटीएससी का केस हुआ था फॉल्स, वो भी ट्रू हो गया.
पुलिस अधिकारीः पैसा नहीं दीजिएगा तो ट्रू हो जाएगा. पैसा दीजिएगा तो फॉल्स हो जाएगा.
अंकुशः सर सब देने के बावजूद यहां दूसरा राजनीति चल गया है.
पुलिस अधिकारीः जातिवाद कर दिया है सब.
अंकुशः अपना जात वाला भी नहीं साथ दे रहा है. डीआईजी साहब लोग नहीं मदद करते हैं सर. डीआईजी साहब का चलता है कि नहीं.
पुलिस अधिकारीः डीआईजी साहब का चलेगा. लेकिन मिश्र जी ऊपर से फोन करा देता है डीआईजी को भी. यही दिक्कत फस रहा है.
अंकुशः सर, मेरे ऊपर मर्डर केस हुआ बॉडी बरामद होने से पहले. बताइए ऐसे पुलिस चलता है. आपलोग के रिजन में ट्रक गिर गया, आदमी मर गया कहां हुआ मर्डर केस. हमलोग वही सब दिन याद करते थे.
पुलिस अधिकारीः हमको तो डीएसपी गाली देते थे. कहते थे बड़ा बाबू मिल गया है. आप पूछ लीजिएगा कि हम कभी किसी केस में पैसा लिए हैं किसी से. मर्डर केस में ढहू को बचाए, तो ढहू हमको एको पैसा दिया.
अंकुशः अभी हम बात करेंगे सर. जब आप उतना साथ दिए हैं उस समय तो अभी तो उसका समय है. हमलोग का बात नहीं चलता है सर ढहू का ही बात चलता है.
पुलिस अधिकारीः तो ढहू भी कहां सुन रहा है. उसका भाई फिरोज को बोलते हैं, तो बोलता है हां सर… हां सर बात करते हैं. कहता है कि आपका नेकी नहीं भूलेंगे हमलोग.
अंकुशः सर, वो लोग चाहेगा तो तुरंत हो जाएगा. कैलाश जी यही लोग कराया था. हम अपने से भी बोलते हैं, कल.
पुलिस अधिकारीः बोलिए ढाहू से
अंकुशः बोलते हैं. आपका कुछ ज्यादा लगने भी नहीं देंगे. यही प्रयास रहेगा.
पुलिस अधिकारीः नहीं तो अपने यहां ही ले आइए.
अंकुशः अच्छे हमलोग मिलकर बात करते हैं.
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