2019 में सांसद ने किया था 15 लाख की लागत से बननेवाले धर्मशाला का शिलान्यास
शिलान्यास के बाद आज तक एक ईंट तक नहीं लग पाई
ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
Pramod Upadhyaya
Hazaribagh : बड़कागांव स्थित नापोखुर्द के ग्रामीण विगत चार वर्षों से धर्मशाला बनने का इंतजार कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यहां अगर सार्वजनिक धर्मशाला बन जाता, तो कई तरह के समारोह आयोजित होते. गांव के बेटे-बेटियों की शादी, ग्रामीणों की बैठक समेत कई तरह के कार्यक्रमों में यह उपयोग में आता. सांसद जयंत सिन्हा ने 3 अक्तूबर 2019 को इस योजना का शिलान्यास किया था. 15 लाख की लागत से धर्मशाला बनाया जाना था, लेकिन शिलान्यास के बाद उसमें एक ईंट तक नहीं लगाई गई. ग्रामीणों में इस बात की नाराजगी है कि धर्मशाला निर्माण के प्रति जनप्रतिनिधियों में कोई दिलचस्पी नहीं है. चुनाव का वक्त था, तो ग्रामीणों को सब्जबाग दिखा दिया गया.
अचानक लाई गई योजना थी : बेचन साव
बड़कागांव के भाजपा मंडल अध्यक्ष बेचन साव ने कहा कि इस योजना के बारे में किसी को जानकारी नहीं थी. अचानक रांची से पार्टी के प्रचार में आए अशोक कुमार साहू ने नापोखुर्द में 15 लाख की लागत से धर्मशाला बनाने की बात कह सांसद के हाथों शिलान्यास कराया था. उसमें शौचालय, स्नानागार, हॉल समेत सभी सुविधाएं मौजूद रहने की बात कही गई थी. लेकिन, योजना शिलान्यास तक ही सीमित रह गई. उन्होंने कहा कि इस साल इस बारे में सांसद से बात हुई थी. उन्होंने स्थलीय निरीक्षण का आश्वासन दिया था.
धर्मशाला नहीं, चुनावी योजना थी : खेमलाल
नापोखुर्द के भाजपा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष खेमलाल साव ने बताया कि यह चुनावी योजना थी. न किसी को जानकारी थी और न ही कभी इस पर चर्चा हुई थी. अचानक भाजपा की सभा से रांची के अशोक कुमार साहू सांसद को ले गए और स्थल पर धर्मशाला का शिलान्यास करा दिया गया. वहीं बताया गया कि 15 लाख की राशि से धर्मशाला बनेगा. वहीं, दिनेश साव ने कहा कि नापोखुर्द में धर्मशाला की सख्त आवश्यकता है. लेकिन ग्रामीणों को तोहफे का सिर्फ ख्वाब दिखाया गया. चार साल में भी वहां एक ईंट भी नहीं पड़ी.
जल्द धर्मशाला का शुरू होगा काम : कार्यालय प्रमुख
सांसद जयंत सिन्हा के कार्यालय प्रमुख सत्यजीत वर्मा ने बताया कि इस मुद्दे को विपक्षी बिना मतलब का तूल दे रहे हैं. वर्ष 2019 में इस योजना की नींव रखी गई थी. कोविड की वजह से इस पर काम शुरू नहीं हो पाया. बीच में सांसद फंड लैप्स हो गया था. इसलिए, काम नहीं पाया है. ग्रामीणों ने भी इसकी सूचना दी थी. यहां जल्द काम शुरू होगा.
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बीएन प्रसाद को दी गई विदाई
स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार की ओर से बड़कागांव चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बीएन प्रसाद समेत तीन डॉक्टरों का तबादला किया गया है. इनमें चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बीएन प्रसाद को चतरा जिले के उनके गृह स्थान सिमरिया प्रखंड भेजा गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कागांव में गुरुवार को आशीष कुमार वर्मा के नेतृत्व में डॉक्टर बीएन प्रसाद का विदाई समारोह का आयोजन किया गया. लोगों ने शॉल ओढ़ाकर और बुके भेंट कर उनका अभिनंदन किया. इस दौरान डॉक्टर बीएन प्रसाद ने कहा कि चार वर्षों के कार्यकाल में अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मियों से उन्हें पूरा सहयोग मिला, जिसे भुलाया नहीं जा सकता. वहीं डॉ अविनाश कुमार और डॉक्टर परिमल पीयूष ने कहा कि प्रभारी डॉक्टर बीएन प्रसाद के साथ काम करने का एक विशेष अनुभव प्राप्त हुआ है. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है. सभी ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. मौके पर आशीष कुमार वर्मा, अशोक कुमार, संजय कुमार, आशीष कुमार, रितेश कुमार, नितेश रंजन, मनोज प्रभाकर, नंदलाल दास, रोहित दास, गीता देवी, सकीना, कुमारी सोनम, तरुण कुमार शर्मा, मोहम्मद सहीम, मोहम्मद नसरुद्दीन अंसारी, सुधीर आजाद के अलावा कई लोग उपस्थित थे.
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