Delhi : पहाड़ी इलाकों में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा गया. हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. जिसके कारण मयूर विहार इलाके में पानी घुस गया है. इस इलाके में रहने वाले लोगों मयूर विहार मेन हाईवे पर पहुंच गये है. पढ़ें – BREAKING : पुलिस जवान ने सर्विस हथियार से खुद को मारी गोली
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शुक्रवार शाम को यमुना नदी का जलस्तर 205.38 मीटर पहुंचा
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बताया कि शुक्रवार शाम को यमुना नदी का जलस्तर 205.38 मीटर पहुंच गया. इससे पहले गुरुवार को ही चेतावनी जारी की गई थी. लेकिन लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था. जिसके बाद शुक्रवार रात को मयूर विहार इलाके में यमुना किनारे खादर में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया. जिसके बाद सैकड़ों की सख्या में लोग घरों को छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो गये. घरों में पानी घुस जाने के कारण लोग मयूर विहार मेन हाईवे पर रह रहे है. यह लोग सड़क किनारे खाना बना रहे हैं.
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इलाकों में बलों की तैनाती की गई थी
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को ही चेतावनी जारी कर दी गई थी. सभी सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने का निर्देश दिया गया था. नदी तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों को जगह खाली करने को कहा गया था. साथ ही वैसे इलाकों में बलों की तैनाती की गई थी और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई थी.
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34 नावों और सचल पंप को तैनात किया गया
निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए 34 नावों और सचल पंप को तैनात किया गया है. पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी अनिल बांका ने बताया कि दिल्ली में यमुना के डूब क्षेत्रों और निचले इलाकों में लगभग 37,000 लोगों रहते है. जो बाढ़ की चपेट में आये है. उन्होंने कहा कि हम लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने का आग्रह कर रहे हैं. अगर जलस्तर 206 मीटर के स्तर को पार कर जाता है तो हम उन्हें हटाने के प्रयास शुरू करेंगे.
बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को हरियाणा के यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से करीब 2.21 लाख क्यूसेक और मध्य रात्रि 12 बजे करीब 1.55 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिली है. एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के समतुल्य होता है. बता दें कि पिछले साल 30 जुलाई को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था और पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 205.59 मीटर तक पहुंच गया था.
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