Patna: बिहार के करीब 56 हजार वार्डों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) द्वारा संचालित नल-जल योजना का संचालन अब पंचायतों की तर्ज पर होगा. जिस प्रकार पंचायतों द्वारा प्रत्येक परिवार से योजना के रखरखाव के लिए 30 रुपये मासिक शुल्क लिया जाता है, वैसे ही पीएचईडी के अधीन आने वाले वार्डों के नागरिकों को भी योजना के रखरखाव के लिए मासिक 30 रुपये देने होंगे. जिसका आधा हिस्सा वार्ड सदस्यों को प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा. मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पीएचईडी के इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई.
इसे भी पढ़ें-सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान पर बंद, मारुति टॉप गेनर और कोटक बैंक टॉप लूजर्स
रखरखाव के लिए बनेगी अलग टीम
प्रदेश के 56 हजार वार्डों में नल-जल योजना के रखरखाव के नियमों में किए गए बदलाव के आदेश अधिसूचना के साथ प्रभावी होंगे. नई व्यवस्था यह होगी कि पीएचईडी के अधीन आने वाले वार्डों में रहने वाले परिवार को योजना के रखरखाव के लिए 30 रुपये चुकाने होंगे. यह राशि वार्ड सदस्य ले सकें, इसके लिए सभी वार्डों में योजना के रखरखाव के लिए अलग से टीम बनाई जाएगी. टीम योजना के बिगड़े कल-पुर्जों को बदलने से लेकर इनके रखरखाव का कार्य करेगी. वार्ड के नागरिकों से मिलने वाले शुल्क का आधा हिस्सा वार्ड सदस्यों को प्रोत्साहन के रूप में तभी मिल पाएगा.
इसे भी पढ़ें-जापानी फुटबॉलर योकोयामा हैं ट्रांसजेंडर, कहा- पुरूषों की तरह रहना है पसंद
रोज सुबह-शाम 6 घंटे होगी सप्लाई
नल-जल योजना से पानी सप्लाई की नई व्यवस्था में वार्डों में अक्टूबर से मार्च तक जलापूर्ति सुबह छह से नौ बजे तक होगी, जबकि अप्रैल से सितंबर के बीच सुबह पांच से आठ बजे के बीच जलापूर्ति की जाएगी. शाम के वक्त 12 महीने शाम चार से सात बजे तक जलापूर्ति होगी.
इसे भी पढ़ें-NRHM की राशि गबन मामला : ईडी करेगी मामले की जांच, प्रमोद सिंह समेत 10 लोग हैं आरोपी