Patna: मुकदमों में कैसे फर्जी तरीके से आरोपित बनाए जाते हैं, इसका उदाहरण अनुसूचित जाति/जनजाति थाने में दर्ज कांड संख्या 17/2021 है. थाने में 10 जून को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के अलावा अन्य कई धाराओं में दर्ज मामले में एक ऐसे व्यक्ति को आरोपित बना दिया गया, जिसका निधन हुए दो साल से अधिक हो गए हैं.
जहानाबाद के घोसी थाना क्षेत्र के वैना गांव निवासी जगदीश दास द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के एक आरोपित गांव निवासी 23 वर्षीय नीरज कुमार का निधन वर्ष 2019 के 14 मई को गया. इसके बावजूद आरोपित नंबर सात पर उसका नाम दर्ज है.
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जगदीश दास ने एसी-एसटी थाने में दर्ज मुकदमे में मृतक समेत गांव के ही आठ लोगों को आरोपित बनाया. उसने पुलिस को दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि नौ जून की सुबह वह गांव की ही एक दुकान से कुछ सामान खरीदने गया. उसी स्थान पर सभी आठो आरोपित खड़े थे. उसे देखते ही वे लोग गाली देने लगे और उसकी जाति के बारे में अपमान जनक बातें कहीं.
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