LagatarDesk: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने किशोर बियानी को Securities Market में एक साल के लिए ट्रेडिंग प्रतिबंधित कर दिया. फ्यूचर रिटेल कंपनी अगले एक साल तक शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं कर सकेगी. इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में उन पर यह प्रतिबंध लगाया गया है.
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क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग
जब किसी कंपनी का मैनेजमेंट किसी कंपनी के अंदर की जानकारी के आधार पर शेयर खरीदता और बेचता है. और गलत तरीके से शेयर बाजार से मुनाफा कमाता है, तो इसे ही इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं. कई लोग अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसेटिव इनफॉरमेंशन का गलत तरीके से प्रयोग करके शेयर बाजार में अवैध तरीके से कमाई करते हैं. SEBI ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करता है.
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शेयरों की कीमतों में आती है कृत्रिम उछाल और गिरावट
इनसाइडर ट्रेडिंग में कंपनियों के प्रबंधन को कंपनी के अंदर की जानकारी होती है. कंपनियां आनेवाले दिनों में क्या करने वाली हैं, जिससे उस कंपनी के शेयर के दाम बढ़ेंगे. साथ ही प्रबंधन को यह भी पता होता है कि कंपनी के शेयर की कीमतों में गिरावट आने वाली है. अगर इस जानकारी के आधार पर ऐसे किसी व्यक्ति ने जानकारी पब्लिक होने से पहले ही शेयरों की खरीद-फरोख्त कर मुनाफा कमा लिया तो यह इनसाइडर ट्रेडिंग होती है.
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कंपनियां कर्मचारियों से भरवाती है बांड
SEBI इस मामले में बहुत सख्त है. उसकी कड़ी नजर कंपनियों के प्रबंधन पर रहती है. इसीलिए कंपनियां अपने कर्मचारियों से एक बांड भी भरवाती हैं कि वे कंपनी की किसी संवदेनशील जानकारी को बाहर शेयर नहीं करेंगे और इसके आधार पर शेयर मार्केट में कोई खरीद-फरोख्त नहीं करेंगे.
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हर्षद मेहता का 1992 स्कैम मामला
90 के दशक में शेयर बाजार में हुआ बड़ा घोटाला काफी सुर्खियों पर रहा. इस मामले के लिए चर्चित हर्षद मेहता पर भी इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगा था. SEBI अधिनियम 1992 के तहत इनसाइडर ट्रेडिंग क्राइम है. SEBI ने इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में सूचना देने वाले को पुरस्कृत करने की व्यवस्था भी की है.
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किशोर बियानी पर आरोप
किशोर बियानी पर 10 मार्च से 20 अप्रैल 2017 की अवधि में इनसाइडर ट्रेडिंग करने का आरोप है. उनके अलावा अनिल बियानी, फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड तथा एफसीआरएल इंप्लाई वेलफेयर ट्रस्ट को भी एक वर्ष के लिए सिक्योरिटीज बाजार से प्रतिबंधित किया गया है.
एक करोड़ रुपये का लगा है जुर्माना
SEBI ने किशोर बियानी, अनिल बियानी और फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. तीनों को आदेश दिया गया है कि वे गलत तरीके से कमाये 17.78 करोड़ रुपये वापस करें. SEBI ने एफआरएल के शेयरों में खरीद-फरोख्त की जांच की. जांच में पता चला कि बियानी ने शेयर बाजारों को संवेदनशील सूचना दिए जाने से पहले ही इसके शेयरों में खरीद-फरोख्त कर लाभ कमाया.
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