Ranchi : राज्य में संप सहित उद्योगों के विकास और औद्योगिक क्षेत्रों की दुरावस्था से निराश होकर झारखंड चैंबर के संताल परगना क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. उसमें एसपियाडा, जसीडीह के अलावा औद्योगिक क्षेत्रों की दयनीय और अव्यावहारिक कार्यप्रणाली की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है.
उन्होंने एसपियाडा में उद्यमियों को आवंटित प्लॉटों पर 2 वर्षों से भी ज्यादा समय से दखल नहीं मिलने, ईएमडी की राशि वापस नहीं होने, औद्योगिक क्षेत्रों में सीमांकन नहीं होने, उपलब्ध प्लॉटों का डिमार्केशन नहीं होने और आधारभूत संरचनाओं के अभाव की ओर ध्यान दिलाते हुए मांग की है कि इन मामलों पर सरकार जल्द ही कोई कदम उठाए और समाधान निकाले.
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औद्योगिक विकास सलाहकार समिति के गठन की मांग
फेडरेशन के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने सरकार को राज्य में औद्योगिक विकास के सफल क्रियान्वयन के लिए और क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक विकास सलाहकार समिति के गठन की मांग की. इसमें मुख्य रूप से क्षेत्र के चैम्बर प्रतिनिधि (स्टेक होल्डर), सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल किया जाए.
साथ ही उन्होंने यह भी मांग किया है कि सिंगल विंडो में भी क्षेत्रीय व्यवस्था हो और एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त हों. जो सभी विभागों से कॉर्डिनेशन कर आवश्यक प्रक्रियाओं को निश्चित समय सीमा में पूरा कराने के लिए जिम्मेदार हो, तभी सिंगल विंडो सिस्टम की सार्थकता पूरी हो पाएगी.
चैंबर ने कहा, सरकार हमारी भावनाओं को समझें
चैम्बर ने मुख्यमंत्री से आशा जताते हुए कहा है कि सरकार हमारी भावनाओं को समझेगी और उद्यमियों में फैली निराशा को दूर करेगी तथा उद्योग सरकार की प्राथमिकता बनेगी, क्योंकि कोई भी राज्य बिना औद्योगिक विकास के रोजगार और आर्थिक स्वावलंबन हासिल नहीं कर सकती. संताल परगना सहित पूरे राज्य में औद्योगिक विकास की प्रचुर संभावनाएं हैं, हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण, भौगोलिक दृष्टिकोण से अनुकूल, सस्ते और कुशल श्रमिक संसाधनों से युक्त है और कोई कारण नहीं कि हमारा राज्य औद्योगिक विकास से पीछे रह जाय.
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