LagatarDesk : महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत भरी खबर है. खुदरा महंगाई दर के बाद अब थोक महंगाई दर में गिरावट आयी है. यह लगातार दूसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गयी है. आंकड़ों के अनुसार, जुलाई माह में थोक महंगाई दर 13.93 फीसदी रही. डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने इसकी जानकारी दी है. यह लगातार 16वां महीना है जब थोक महंगाई दर डबल डिजिट रही है. इससे पहले जून महीने में थोक महंगाई 15.18 फीसदी रही थी. (पढ़ें, सूर्य में बड़े विस्फोट की खबर, भू-चुंबकीय तूफान तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है, 2025 तक विस्फोट होते रहेंगे)
पिछले 7 महीने में इतनी रही थोक महंगाई दर
आंकड़ों के अनुसार, मई में थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी रही थी. वहीं अप्रैल में थोक महंगाई दर 15.08 फीसदी, मार्च में 14.55 फीसदी, फरवरी में 13.11 फीसदी, जनवरी में 12.96 फीसदी, दिसंबर 2021 में 13.56 फीसदी और नवंबर में 14.87 फीसदी रही थी.
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खाद्य पदार्थों और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के दाम घटने के कारण घटी महंगाई
दरअसल खाद्य पदार्थों और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के दामों में आयी नरमी के कारण थोक महंगाई दर घटी है. जुलाई के दौरान सब्जियों की कीमतों में गिरावट रही. हालांकि ईंधन के दामों में इजाफा देखने को मिला. जुलाई माह में खाद्य महंगाई दर घटकर
10.77 प्रतिशत पर आ गयी. जो जून में 14.39 प्रतिशत पर थी. खाद्य कीमतों में आयी गिरावट सब्जियों की कीमतों में आयी कमी की वजह से रही है. जुलाई में सब्जियों की थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर 18.25 प्रतिशत पर आ गयी. जो जून महीने में 56.75 प्रतिशत के स्तर पर थी.
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फ्यूल और पावर बास्केट पर बढ़ी महंगाई
जुलाई माह में फ्यूल और पावर बास्केट की महंगाई में उछाल देखने को मिला है.इस सेग्मेंट की महंगाई दर 43.75 प्रतिशत पर रही है. जून में यह आंकड़ा 40.38 प्रतिशत पर था. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त की वजह से करीब 2 महीने से ज्यादा वक्त से तेल की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है. हालांकि क्रूड और कोयले की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. रिजर्व बैंक अपनी पॉलिसी के लिए खुदरा महंगाई दर पर नजर रखता है. जो कि लगातार 2 से 6 प्रतिशत की तय सीमा से ऊपर ही बनी हुई है. हालांकि जुलाई में इसमें गिरावट देखने को मिली है और ये नरमी के साथ 6.71 प्रतिशत पर आ गयी है.
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