LagatarDesk: गुजरे अक्टूबर महीने में थोक महंगाई 8 महीने के उच्चतम स्तर 1.48% पर पहुंच गई. सितंबर में यह आंकड़ा 1.32% और पिछले वर्ष अक्टूबर में शून्य % था. यह थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का फरवरी के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है, जहां खाद्य पदार्थ की कीमतों में अक्टूबर में कमी आई, वहीं दूसरी ओर मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की कीमतों में भी इजाफा हुआ है.
अक्टूबर में खाद्य मंहगाई दर 6.37% रही जो पिछले महीने में 8.17% थी. सब्जियों, आलू और प्याज की कीमतें ऊंचे स्तर पर हैं. महीने के दौरान बढ़ोतरी क्रमश: 25.23% और 107.70% थी. गैर-खाद्य पदार्थ और खनिजों की मंहगाई क्रमश: 2.85 और 9.11% के ऊंच स्तर पर रही.
खुदरा मंहगाई में भी आया था उछाल
पिछले हफ्ते जारी आंकड़े के अनुसार, खुदरा मंहगाई दर जो Consumer price Index पर आधारित है, अक्टूबर में 7.61% थी. इससे पहले खुदरा मंहगाई का यह स्तर 2014 में 8.33% दर्ज किया गया था. मंहगाई का यह ऊंचा स्तर 2020 में 7.27% 6 साल बाद दर्ज किया गया है..
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तेल और ऊर्जा के क्षेत्र में नरमी
अक्टूबर में तेल और उर्जा की कीमतों में नरमी के साथ यह -10.95% पर पहुंच गई है. आरबीआई ने पिछले हफ्ते जारी एक रिपोर्ट में मंहगाई के दबाव को अर्थव्यवस्था के सामने एक जोखिम बताया था. सप्लाई चेन मैनेजमेंट के कोशिशों के बावजूद मंहगाई कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. इस तरह लगातार मंहगाई बढ़ने से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.