Vijay Shankar Singh
अंधकार, और कुछ नहीं, प्रकाश का अभाव है. शिक्षा मानसिक और सोच के अंधकार या जहालत को दूर करने वाली रश्मि है. जैसे-जैसे आप शिक्षित, तार्किक और अनुसंधितसु होते जाएंगे, आप की जड़ता टूटती जाएगी. और आभामय होते जाएंगे. इसी को हमारे यहां चरैवेति चरैवेति, अर्थात गतिशील रहो. यह गतिशीलता अध्ययन, शास्त्रार्थ और मानसिक विकास के संदर्भ में ऐतरेय ब्राह्मण में कहा गया है.
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केरल के लोग विचारशील होते हैं
केरल में भाजपा क्यों सफल हो नहीं पाती है ? इस रहस्य का खुलासा केरल के ही एक भाजपा नेता ने किया है और कहा है कि ” केरल में साक्षरता प्रतिशत 90% है. वे विचारशील लोग हैं और तर्क करते रहते हैं. सवाल पूछते हैं और एक पढ़े लिखे व्यक्ति की तरह सोचते हैं. केरल में भाजपा के सफल न होने का यह भी एक कारण है.”
केरल बीजेपी के बड़े नेता ओ राजगोपाल ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से इंटरव्यू में जो बयान दिया है, वह पार्टी के लिए तो नुकसान दायक है ही साथ ही विरोधियों ने भी इसे हाथों हाथ लिया है. ओ राजागोपाल ने कहा है कि केरल दूसरे प्रदेशों से अलग है. यहां ज्यादा शिक्षा होने की वजह से लोग बीजेपी को वोट नहीं देते.
सांप्रदायिक भेदभाव के बिना भाजपा नहीं पनप सकती
भाजपा, बिना सांप्रदायिक भेदभाव के पनप ही नहीं सकती है. जहां इसे जड़ जमाना होता है, वह पहले वहां धार्मिक कट्टरता का बीजारोपण करती है और तब अपनी संभावनाएं तलाश करती हैं. 1990 के बाद भाजपा की ताकत क्यों बढ़ती रही है. इस सवाल का उत्तर जब आप ढूंढने की कोशिश करेंगे, तब आप इसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.
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Disclaimer : ये लेखक के निजी विचार हैं.
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