Gopal Krishna Mahto
झारखंड विधानसभा की 81 सीटों पर नवंबर या दिसंबर में चुनाव होने हैं. लिहाजा सभी राजनीतिक दल व गठबंधन चुनाव रणनीति में जुट गयी है. इंडिया और एनडीए गठबंधन के घटक दलों के शीर्ष नेता सीट शेयरिंग को लेकर मंथन कर रहे हैं. झारखंड में एनडीए के घटक दल आजसू ( ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन) है. 2019 के चुनाव में आजसू ने अकेले 53 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 2 सीटें ही जीत पाई. सिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से सुदेश महतो ने और गोमिया निर्वाचन क्षेत्र से लंबोदर महतो ने चुनाव जीता. बाद में हुए रामगढ़ उपचुनाव में आजसू को जीत मिली और सीटें बढ़ कर तीन हो गईं.
2014 का विधानसभा चुनाव आजसू और बीजेपी ने साथ मिल कर लड़ा था, उसका फ़ायदा उन्हे मिला. भाजपा ने 37 और आजसु पार्टी ने पांच सीटें जीतीं. गठबंधन ने कुल 42 सीटें जीतकर सरकार बनाया. वोट शेयर की बात करें तो आजसू को 2019 में 8.10% वोट मिले थे और दो सीट पर जीत हुई थी. वोट प्रतिशत के हिसाब से साल 2014 के तुलना में 4.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. लेकिन साल 2014 के चुनाव में आजसू आठ सीटों पर लड़कर पांच सीटों पर कामयाब हुई थी. आजसू जिन जगहों में अच्छी पकड़ रखती है, उनमें रामगढ़, गोमिया, जुगसुलाई, मांडु, बड़कागांव, टुंडी, सिंदरी, सिल्ली, तमाड़, लोहरदगा, चंदनक्यारी शामिल हैं. माना जाता रहा है की आजसू पार्टी की पकड़ कुड़मी बहुल इलाके में मजबूत है. लेकिन अब भी इन सीटों पर आजसू के लिए राह आसान है ? शायद नहीं. बीते एक-दो साल से कुड़मी को एसटी में शामिल करने, झारखंड में 1932 खतियान आधारित मुद्दे, बाहरी भीतरी का मुद्दा गरमाया हुआ है. हाल ही में बनी पार्टी जेएलकेएम ( झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) आजसू के गढ़ माने जाने वाले इलाकों मे अपनी छवि बनाने में जुटी हुई है. आजसू के लिए ये मुश्किल है इन सारी सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करना. तमाम अटकलें लगायी जा रही हैं कि आजसू पार्टी को छह से लेकर आठ सीट मिल सकती है. एनडीए गठबंधन में रहते हुए खतियान आधारित मुद्दे, ओबीसी आरक्षण, ग्रेटर झारखंड, युवा बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को आजसू उठाती है.
2024 में हुए लोकसभा चुनाव में आजसू को 4.3 प्रतिशत वोट के साथ एक सीट पर जीत तो हुई, पर आजसु के पकड़ वाले एरिया में जेएलकेएम पार्टी का उभार हुआ. हालांकि उस समय समिति के लोग इंडिपेंडेंट तौर पर खड़ा हुए थे. पहली बार बैनर तले चुनाव लड़ते हुए, जेएलकेएम के जयराम कुमार महतो ने आठ लोकसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे और 8.2 लाख से अधिक वोट हासिल किए. उन्होंने गिरिडीह के अलावा धनबाद, चतरा, हज़ारीबाग, दुमका, रांची, सिंहभूम और कोडरमा लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे. पांच अन्य सीटें जहां जेबीकेएसएस (अब जेलकेएम) उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे, वे हैं रांची में देवेन्द्र नाथ महतो. देवेंद्रनाथ महतो 1,32,647 वोटों के साथ, हज़ारीबाग में संजय कुमार मेहता 1,57,977 वोटों के साथ, धनबाद में मोहम्मद एकलाक अंसारी 79,653 वोटों के साथ, सिंहभूम में दामोदर सिंह हांसदा कोडरमा में 44,292 वोट और मनोज कुमार को 28,612 वोट मिले. इसी तरह, दुमका लोकसभा सीट पर बेबीलता टुडू 19,360 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहीं, जबकि चतरा सीट पर दीपक कुमार 12,565 वोटों के साथ सातवें स्थान पर रहे. इन अटकलों के बीच आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो लगातार अमित शाह से मिलने दिल्ली दौरा कर रहे. बीजेपी ने झारखंड चुनाव का जिम्मा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा है. आजसु सुप्रिमो दोनों प्रभारियों से मिलकर सीट बंटवारे को लेकर पेंच भिड़ा रही है. 2024 के चुनाव में भाजपा-आजसू 2019 के गलती को दोहराना नही चाहती. एनडीए की राह इस बार आसान नही होगी. हालांकि चुनावी माहौल में कई दिग्गज भूमिका निभा रहें हैं.
नोट : लेखक झारखंड के रहने वाले हैं और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं… राज्य की राजनितिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं.