मोदी का विपक्ष से आग्रह, हार का गुस्सा संसद में ना निकाले
NewDelhi : संसद का शीतकालीन सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया. सत्र शुरू होते ही बीजेपी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में लोकसभा में ‘तीसरी बार मोदी सरकार’ और ‘बार-बार मोदी सरकार’ के नारे लगाये. इसके बाद विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच स्पीकर ने कहा कि सदन में प्लेकार्ड नहीं चलेगा. इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी.
लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित हुई। pic.twitter.com/VHQaAbDscm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2023
मोदी का विपक्ष से आग्रह, हार का गुस्सा संसद में ना निकाले
सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने विपक्षी दलों से अपील की कि संसद के शीतकालीन सत्र में वे विधानसभा चुनावों में मिली पराजय का गुस्सा ना निकालें, बल्कि उससे सीख लेकर नकारात्मकता को पीछे छोड़ें और सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ें. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यदि विपक्षी दल ‘विरोध के लिए विरोध’ का तरीका छोड़ दें और देश हित में सकारात्मक चीजों में साथ दें तो देश के मन में उनके प्रति आज जो नफरत है, हो सकता है वह मोहब्बत में बदल जाये.
चुनावी नतीजों को पीएम ने उत्साहवर्धक करार दिया
प्रधानमंंत्री मोदी ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों को उत्साहवर्धक करार दिया. उन्होंने कहा कि देश ने नकारात्मकता को नकारा है. सत्र के प्रारंभ में विपक्ष के साथियों के साथ हमारा विचार-विमर्श होता है. हमारी टीम उनसे चर्चा करती है. मिलकर के सबके सहयोग के लिए हम हमेशा प्रार्थना करते हैं. इस बार भी इस प्रकार की सारी प्रक्रियाएं कर ली गयी हैं. मोदी ने कहा कि सार्वजनिक रूप से हमेशा हमारे सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि लोकतंत्र का यह मंदिर जन आकांक्षाओं के लिए और विकसित भारत की नयी राह को अधिक मजबूत बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मंच है. मैं सभी सांसदों से आग्रह कर रहा हूं कि वह ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आयें और सदन में जो भी विधेयक रखे जायें, उन पर गहन चर्चा हो.
लोकतंत्र के इस मंदिर को मंच मत बनाइये
मोदी ने कहा कि एक सांसद जब सुझाव देता है तो उसमें जमीनी अनुभव का उत्तम तत्व होता है, लेकिन अगर चर्चा ही नहीं होती है तो देश को इसका नुकसान होता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय, इस पराजय से सीखकर, पिछले 9 साल में चलायी गयी नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़कर, इस सत्र में अगर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा. मोदी ने कहा कि वे विपक्ष में हैं, फिर भी वह उन्हें सकारात्मक सुझाव दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि निराश होने की जरुरत नहीं है. लेकिन कृपा करके बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मत उतारना. हताशा, निराशा होगी… आपके साथियों को दम दिखाने के लिए कुछ न कुछ करना भी पड़ेगा…लेकिन कम से कम लोकतंत्र के इस मंदिर को वह मंच मत बनाइये.