Ranchi: झारखंड की ग्रामीण महिलाएं खेती, पशुपालन और कारोबार में सफल उद्यमी बनती जा रही हैं. वह अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं. ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायता कर रहा है. ग्रामीण महिलाओं को सखी मंडल से जोड़ा जा रहा है. जिन्हें क्रेडिट लिंक से जोड़ कर आर्थिक सहायता पहुंचाई जा रही है.
1824 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिंक मिला
राज्य में अब तक 2.54 लाख सखी मंडल के गठन किया गया है. जिनसे करीब 32 लाख परिवारों को जोड़ा गया है. इनमें से करीब एक लाख सखी मंडलों को 387 करोड़ की राशि सामुदायिक निवेश निधि और अन्य सखी मंडलों को कुल 1824 करोड़ की राशि क्रेडिट लिंकेज के जरिए बैंकों से उपलब्ध कराया गया है. जिससे महिलाएं सफलता से रोजगार कर रही है.
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महिलाओं का सपना हो रहा साकार
सुदूर गांव की रहने वाली एक साधारण महिला के लिए खुद के दुकान का संचालन किसी सपने से कम नहीं था. देवंती देवी ने सखी मंडल से जुड़कर इस सपने को पूरा किया. अब उनकी अच्छी आमदनी कर रही है. गिरिडीह जिले की पोरदाग गांव की रहने वाली 42 वर्षीय देवंती दो दुकानों की मालकिन बन गई हैं. सखी मंडल में पुस्तक संचालिका का कार्य करते हुए एवं अन्य दीदियों के साथ बैठकर देवंती को हौसला एवं जीवन में कुछ कर गुजरने का जज्बा मिला. देवंती ने सखी मंडल से जुड़कर कई महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू कर अच्छी आमदनी करते देखा था. वो बताती है कि दूसरों को सफल उद्यमी बनते देख मैने भी हिम्मत जुटाई और तीन साल पहले अपने सखी मंडल को मिलने वाले क्रेडिट लिंकेज से 50,000 का लोन लेकर चाय-नाश्ता का होटल शुरू किया, जिससे मेरी रोजाना की 500 से 1000 की आमदनी हो जाती है. देवंती यहीं नहीं रुकी अपनी सफलता से उत्साहित होकर उसने एक साल के बाद सखी मंडल के लोन को चुका कर फिर से एक राशन दुकान की शुरूआत की. इस राशन दुकान के चलाने में बेटे की मदद ले रही हैं.
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