Chaibasa : पश्चिम सिंहभूम के गुवा थाना क्षेत्र के नुईया गांव के तीन बच्चे समेत कुल 13 मजदूरों को महाराष्ट्र के वर्धा जिले से रेस्क्यू करने के बाद उन्हें सड़क निर्माण कंपनी की ओर से वेतन भी दिलवाया गया. सड़क निर्माण कंपनी ने इन मजदूरों का चार महीने का वेतन नहीं दिया था, जिससे ये ना ही घर लौट पा रहे थे और ना ही इनके पास खाने को कुछ बचा था.
झारखंड सरकार के श्रम विभाग तथा बाल संरक्षण विभाग के दबाव से सभी मजदूरों को पूरी मजदूरी दिलाई जा सकी. पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अन्नय मित्तल ने कहा कि सभी बाल व मजदूरों को रेस्कयू कर सुरक्षित रखा गया है. जिसे लाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
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13 मजदूरों को छोड़ा गया
रेस्कयू किये गये मजदूरों में सोनाराम सुंडी (18), पूरियास सुंडी (16), चुमरू सुंडी (14), विक्रम पूर्ति (17), कृष्णा गोप (20), सालम चाम्पिया (17), सेरेंगीया चाम्पिया (26), सुनील पिंगुवा (16), शंकर चाम्पिया व अन्य एक मजदूर शमिल है. इधर, जिला बाल संरक्षण इकाई के कृष्णा तिवारी ने कहा कि महाराष्ट्र जिला बाल संरक्षण यूनिट द्वारा सभी को रेस्क्यू कर लिया गया है. सभी बच्चों को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के बालगृहों में सुरक्षित रखा गया है. जिसमें नुईया गांव के 4 युवक तथा बोकना गांव के 9 बाल मजदूर शामिल है.