Jamshedpur : जमशेदपुर के सहारा सिटी सामूहिक दुष्कर्म मामले में नामजद तीन अभियुक्तों को मंगलवार को अदालत ने दोषी करार दिया है. दोषी में इन्द्रपाल सिंह सैनी, शिव कुमार महतो और श्रीकांत महतो तीनों को अदालत ने भादवि की धारा 376 डी और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी पाया है. 22 जनवरी को अदालत सजा सुनाएगी. दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास या फांसी तक की सजा का प्रावधान है. इस मामले में गिरफ्तारी के बाद से शिव कुमार महतो व इन्द्रपाल सिंह सैनी जेल में हैं, जबिक श्रीकांत महतो को जमानत पर बाहर हैै. मंगलवार को अदालत के फैसला सुनाने के बाद ही पुलिस ने श्रीकांत महतो को हिरासत में ले लिया. इस मामले में अभियोजन की ओर से लोकअभियोजक अवधेश सिंह व सूचक की अधिवक्ता ममता सिंह पैरवी कर रही थीं. ममता सिंह ने सोमवार को ही पीड़ित पक्ष से कोर्ट में मजबूत दलील पेश की थी. इस मामले में पीड़िता, उसकी मां, बहन व पीड़िता के मालिक (जहां वह नौकरानी का काम करती थी), मालिकन समेत कुल 12 लोगों की गवाही दर्ज की गई है. वहीं बचाव पक्ष की ओर से भी कई अधिवक्ता थे.
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उल्लेखनीय है कि इस मामले में जिले के पूर्व ग्रामीण डीएसपी अजय केरकेट्टा व इंस्पेक्टर इमदाद अंसारी समेत 22 लोगों को कोर्ट में आरोपी बनाने के आदेश दिए हैं, जिसका पुलिस अनुसंधान जारी है. डीएसपी अजय केरकेट्टा व इमदाद अंसारी की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट का स्टे है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पोक्सो मामले की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत एडीजे पांच संजय कुमार उपाध्याय की अदालत ने मंगलवार को इस मामले में चिर प्रतिक्षीत व अहम मामले में अपना फैसला सुनाया है.
सहारा सिटी में नौकरानी के साथ हुआ था सामूहिक दुष्कर्म
जानकारी हो कि सहारा सिटी निवासी की नौकरानी को डरा-धमका कर आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था. इस दौरान उसके साथ एमजीएम थाना के कमरे समेत कई जगहों पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था. तत्कालीन थानेदार व डीएसपी पर भी उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है. 18 जनवरी 2018 को इस चर्चित मामले में मानगो थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपियों को 18 जनवरी 2022 को दोषी करार दिया गया है. उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर के अब तक के सबसे बड़े मामलों में से एक सहारा सिटी नाबालिक से सामूहिक दुष्कर्म भी एक है. इसमें डीएसपी, इंस्पेक्टर, राजनेता व रसूखदार समेत कुल 25 लोग अभियुक्त हैं. नामदज तीन अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में सुनवाई हुई है. जिन 22 लोगों के खिलाफ कोर्ट ने संज्ञान लेते हुये सम्मन जारी किया है, उनमें सोनू नायर, एलियस, निशांत नायर, सहारा सिटी मानगो, लड्डन राहुल, अमन अहमद, मूनैन, दिनेश अग्रवाल, गुड्डू गुप्ता, अमित सिंह प्रकाश, मुन्ना धोबी, सोनू रजक, अजीज, उपेंद्र सिंह, शाहिद (आरोपी इंद्रपाल सिंह का दोस्त), अभिषेक मिश्रा, एमजीएम थाना के तत्कालीन प्रभारी इमदाद अंसारी, डीएसपी अजय केरकेट्टा.
सूचक की अधिवक्ता ममता सिंह को जान का खतरा, एसएसपी से मांगी सुरक्षा
इस चर्चिच मामले में सूचक की ओर से अदालत में पैरवी कर रही अधिवक्ता ममता सिंह ने बताया कि इस मामले में कई हाई-प्रोफाइल लोग शामिल हैं. इसके चलते उनकी जान पर खतरा है. इस संबंध में उन्होंने एसएसपी और अदालत को मामले की जानकारी दी है. उन्होंने एसएसपी से सुरक्षा मांगी है. लेकिन अभी तक उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की गई. उनकी ओर से सोमवार को कोर्ट में मजबूत दलील पेश की गई थी. इस मामले में पीड़िता, उसकी मां, बहन, और पीड़िता के मालिक (जहां वह नौकरानी का काम करती थी), मालिकन समेत कुल 12 लोगों की गवाही दर्ज की गई है.
सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई है
अधिवक्ता ममता सिंह ने बताया कि इस चर्चित मामले की जांच में जांच एजेंसियों ने निष्पक्ष भूमिका नहीं निभाई. इसके कारण उनकी ओर से इसकी सीबीआई जांच की मांग की गई है. इस संबंध में उन्होंने हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है. इसपर सुनवाई लंबित है. सीबीआई जांच होने से पूरा मामला साफ हो जाएगा. इस मामले में आरोपी बनाए गए डीएसपी अजय करकेट्टा और इंस्पेक्टर इमदाद अंसारी को आरोपों से मुक्त नहीं किया गया है. दोनों के मामले में हाई कोर्ट ने प्रोसेडिंग पर रोक लगाई है. इसके लिए जल्द ही उनकी ओर से हाईकोर्ट में एक पीटिशन दाखिल किया जाएगा.