New Delhi : दिल्ली बॉर्डरों पर किसानों द्वारा किये जा रहे आंदोलन का आज 100 दिन पूरे हो गये हैं. इस आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसान इसे काला दिवस के रूप में मनायेंगे. आज किसान कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे की 5 घंटे का नाकाबंदी करेंगे. सभी किसान काला पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा डासना, दुहाई, बागपत, दादरी,ग्रेटर नोएडा पर रोड जाम करेंगे. टोल प्लाजा भी फ्री किये जाएंगे.
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मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन का 87 दिन
बता दें कि किसान दिल्ली के अलावा मध्यप्रदेश में भी लगभग 87 दिनों से प्रदर्शन कर रहे है. जब कि पुलिस प्रशासन ने उन्हे टेंट लगाने की भी अनुमति नहीं दी है. मध्यप्रदेश में प्रदर्शन कर रहे किसानों को किसी भी प्रकार का अन्य सहायता नहीं दिया गया है. आने वाले समय में मध्यप्रदेश में महापंचायत करने की योजना बनायी जा रही है.
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26 नवंबर 2020 को किसान दिल्ली से लिए निकले थे
बता दें कि 26 नंवबर 2020 को किसान दिल्ली की तरफ कूच कर गये थे. रास्ते में किसानों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. किसानों पर पानी से बौछार किया गया था, लेकिन किसान पीछे नहीं हटे थे वो सिंघु बॉर्डर पहुंचे. जहां से उन्हे दिल्ली के अंदर जाने से पुलिस ने रोक दिया था.
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प्रदर्शन के दौरान कई बार किसानों और सरकार के बीच बातचीत हुई
जिसके बाद किसानों का प्रदर्शन शुरू हुआ. प्रदर्शन के बीच कई बार केंद्र सरकार और किसानों के बीच वार्ता हुई. 11 दौर के बातचीत के बाद भी किसानों का प्रदर्शन चालू है. जिसके बाद किसानों ने कई तरह के प्रदर्शन किये. ट्रैक्टर रैली निकाली , चक्का जाम किया. भूख हड़ताल किया.
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26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा ने आंदोलन को नया रूप दिया
26 जनवरी को किसानों के द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली और लाल किले में हुई हिंसा के बाद आंदोलन ने नया रूप ले लिया. आधी रात को सुरक्षा बलों को वापस लौटना पड़ा और आंदोलन का नया दौर शुरू हुआ. रात में किसानों के टेंट की बिजली काटी गयी. इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया. और किसानों को बॉर्डर से हटाने के लिए कई प्रयत्न किये गये.
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आज भी किसान तीनों कृषि बिल रद्द करने की मांग कर रहे
लेकिन किसानों ने अपना आंदोलन खत्म नहीं किया. और केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीनों नये कृषि बिल को रद्द करने की मांग जारी रखा. आज भी किसान तीनों कृषि बिल रद्द करने की मांग पर अड़े हुए है.
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