- मरीज की बात कह चरही घाटी में एंबुलेंस रोकवाया
- फार्मासिस्ट से भी मारपीट, चार की संख्या में थे लुटेरे
Hazaribagh : जिले में चरही घाटी 14 माइल के पास अज्ञात अपराधियों ने 108 एंबुलेंस के चालक और फार्मासिस्ट को चाकू से गोद कर जख्मी कर दिया. फिर उनसे लूटपाट कर अपराधी फरार हो गए. घटना बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि करीब दो बजे की बताई जा रही है. एंबुलेंस आग से झुलसे एक मरीज को रांची रिम्स पहुंचा कर वापस हजारीबाग लौट रही थी. इसी क्रम में चार अज्ञात अपराधियों ने मरीज ले जाने की बात कह पहले एंबुलेंस को रोका और वाहन में जबरन बैठ गए.
मना करने पर सभी लुटेरे अचानक से चालक पर चाकू से वार करने लगे. उसकी पीठ में तीन-चार बार चाकू घोंपे. फिर चेहरे और शरीर पर भी वार कर बुरी तरह घायल कर दिया. जब फार्मासिस्ट रविकांत बीच-बचाव करने लगे, तो उनके साथ भी मारपीट की गई. अपराधियों ने दोनों से मोबाइल, पैसे आदि लूट लिए. किसी प्रकार फार्मासिस्ट घायल चालक को लेकर एंबुलेंस शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए. चालक विजय विक्रम (39) मेरू निवासी बंधन महतो के पुत्र हैं. उसका इलाज एचएमसीएच में चल रहा है. जख्मी चालक ने बताया कि अपराधियों ने उनसे मोबाइल छीन लिया, तो फार्मासिस्ट ने कहा कि यह सरकारी मोबाइल है, पकड़े जाओगे, तो मोबाइल फेंक दिया. उससे लगभग 1000 रुपए छीन सभी अपराधी फरार हो गए.
आमजनों को 100 दिनों तक मिलेगा कानून का ज्ञान
- जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से चलाया जा रहा विधिक जागरुकता अभियान
- 25 दिसंबर तक चलेगा विधिक जागरूकता अभियान
हजारीबाग : जिले में आमजनों को 100 दिनों तक कानून का ज्ञान दिया जा रहा है. दरअसल, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से विधिक जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान विभिन्न मामलों के निष्पादन के साथ-साथ लोगों को कानूनी अधिकार की जानकारी भी दी जा रही है. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्य प्रकाश सिन्हा की देखरेख यह अभियान 17 सितंबर से प्रारंभ होकर 25 दिसंबर तक चलेगा.
प्रथम चरण में हजारीबाग जिले के तीन प्रखंडों सदर, कटकमदाग और इचाक के कई गांवों में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है. इस अभियान के तहत कई लोग विधिक जागरूकता अभियान से लाभान्वित हुए हैं और कई आवेदन भी प्राधिकार को प्राप्त हुए हैं. विधिक जागरुकता अभियान के तहत प्रत्येक मंगलवार को प्रभात फेरी निकाली जानी है. अब तक दो मंगलवार को प्रभात फेरियां निकाली जा चुकी हैं. इस दौरान लोगों को घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, भरण-पोषण, डायन-भूत अधिनियम, पॉक्सो कानून, बाल श्रम, बाल विवाह और मानव तस्करी जैसे कानून के बारे में लोगों को बताया गया. साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार से मिलने वाली सुविधाओं से भी अवगत कराया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पैनल अधिवक्ता, एलएडीसी के सदस्य और पैरा लीगल वालंटियरों की एक टीम बनाई गई है.
यह टीम प्रत्येक दिन अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अलग-अलग प्रखंडों में जाकर अपने कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में बतौर पैनल अधिवक्ता गौरव सहाय, केके वर्मा, नरेश प्रसाद ,पैरा लीगल, वॉलेंटियरों में छोटू राम, जीतू कुमार, संजय कुमार, विकास कुमार पांडे, इंदू कुमारी और एलएडीसी सदस्यों में रीना वर्मा, सौरव अंशु, विकास कुमार सोनी, ओशिता कीर्ति रंजन और नेहा अंजुम ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. प्रभात फेरी के दौरान सिविल कोर्ट के कर्मचारी अमरनाथ डे और अनिल कुमार सिन्हा भी इसका सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं.
क्रांतिकारी ही नहीं, बड़े दार्शनिक भी थे भगत सिंह : सीटू
शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 116 वीं जयंती पर सीपीएम की विचार गोष्ठी आयोजित
- देश में समाजवाद के पहले व्याख्याता थे भगत सिंह
- ‘अकाली’ और ‘कीर्ति’ अखबार का किया था संपादन
हजारीबाग : भगत सिंह की 116 वीं जयंती पर सीपीएम ने गुरुवार विचार गोष्ठी का आयोजन किया. इस अवसर पर सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने कहा कि भगत सिंह क्रांतिकारी देशभक्त ही नहीं, बल्कि एक अध्ययनशील विचारक, कलम के धनी, दार्शनिक, चिंतक, लेखक, पत्रकार और महान इंसान थे. उन्होंने 23 वर्ष की छोटी-सी आयु में फ्रांस, आयरलैंड और रूस की क्रांति का गहन अध्ययन किया था.
वे हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी, पंजाबी और आयरिश भाषा के मर्मज्ञ चिंतक और विचारक थे. भगत सिंह देश में समाजवाद के पहले व्याख्याता थे. उनका मानना था कि समाजवादी व्यवस्था से ही सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है. उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं. आज जिस प्रकार अंधविश्वास, धार्मिक कट्टरता और भेद भाव फैल रहा है, वह उनके विचारों के विरुद्ध है. मैं नास्तिक क्यूं हूं, अछूत समस्या, बम का दर्शन जैसे कई लेख लिख कर लोगों को जागरूक किया. आज देश के सभी नौजवानों को भगत सिंह की ओर से लिखा गया हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का घोषणा पत्र पढ़ना चाहिए. उन्होंने अल्पायु में ‘अकाली’ और ‘कीर्ति’ जैसे दो अखबारों का संपादन भी किया था. उस दौरान उन्होंने देश के नौजवानों के लिए लिखा था कि अगर देश को रक्त की भेंट चाहिए, तो सिवा युवक के कौन देगा ? प्रत्येक जाति का भाग्य विधाता युवक ही तो होते हैं.
सीटू ने आगे कहा कि आप समझ सकते हैं कि भगत सिंह अपने समय में जो करना चाहते थे, वह आज भी अधूरा है. इस अवसर पर कई वक्ताओं ने अपनी बातें रखीं. गोष्ठी की अध्यक्षता तपेश्वर राम और संचालन विपिन कुमार सिन्हा ने किया. जिला सचिव ईश्वर महतो ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर प्रखर प्रकाश, सुरेश महतो, पप्पू सिंह, जुगेश कुमार वर्मा, नंदन कुमार, सुरेश कुमार दास, विनय कुमार सहित कई लोगों ने भाग लिया.
कांग्रेस ने दी शहीद-ए-आजम को श्रद्धांजलि
कृष्णबलभ आश्रम कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 116वीं जयंती मनाई गई. अध्यक्षता कर रहे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार यादव ने कहा कि भगत सिंह ने भारत की आजादी के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना अंग्रेजों से जमकर टक्कर ली. उन्हें लिखने का बहुत शौक था. जेल में भी भगत सिंह लिखते थे और उनकी डायरी चर्चित थी. भगत सिंह ने हंसते-हंसते अपने देश के लिए प्राण न्योछावर कर दिए. मौके पर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज नारायण भगत, कृष्णदेव प्रसाद सिंह, ललितेश्वर चौधरी, दिलीप कुमार रवि, निसार खान, अजय गुप्ता, मुकेश कुमार, मुंगेश्वर चौधरी, विजय सिंह, मो. मुस्ताक अंसारी, पंचम पासवान, कैलाशपति देव, अजीत सिंह आदि मौजूद थे.
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