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बीजेपी पर थूकने भी नहीं जायेंगे नीतीश, एनडीए में वापसी की अटकलों पर बोले ललन सिंह

Patna : 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार के बीजेपी नीत एनडीए में वापसी की अटकलों से चर्चा का बाजार गर्म है. सीएम नीतीश ने इन अटकलों को फालतू बात’ कहकर पहले ही पूर्ण विराम लगा दिया था. अब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी नीतीश के एनडीए में वापसी की अटकलों पर अपना बयान दिया है. उन्होंने खुलेआम कह दिया कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी पर थूकने भी नहीं जायेंगे. ललन सिंह ने बयान दिया कि  नीतीश से बीजेपी की नजदीकी कभी नहीं बढ़ेगी. वो सात जन्म तक उनकी तरफ नहीं देखेंगे. बीजेपी ऐसी पार्टी है कि वो उसकी तरफ थूकने भी नहीं जायेंगे. (पढ़ें, सिमडेगा">https://lagatar.in/youth-from-simdega-dies-after-being-hit-by-train-in-goa/">सिमडेगा

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सीएम फालतू बात कहकर पहले ही लगा चुके हैं पूर्ण विराम

सीएम नीतीश ने भी एनडीए में वापसी की अटकलों को फालतू बात’ कहकर पूर्ण विराम लगा दिया था. उन्होंने कहा था कि उनका पूरा जोर विपक्षी दलों के गठबंधन को मजबूत करने पर है. कार्यकर्ताओं द्वारा नीतीश कुमार को पीएम कैडिडेट बताये जाने पर कहा कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है. इसे भी पढ़ें : भारत-कनाडा">https://lagatar.in/s-jaishankar-to-meet-us-secretary-of-state-amid-india-canada-dispute/">भारत-कनाडा

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मनोज झा के बयान को गलत ढंग से परोसा गया

ललन सिंह ने आरजेडी सांसद मनोज झा के राज्यसभा में दिये बयान पर भी बोले. उन्होंने कहा कि मनोज झा के बयान को गलत ढंग से परोसा गया है. बीजेपी केवल समाज में भ्रम फैलाने का काम कर रही है. जिस बयान से पूरे देश सहित बिहार में बवाल मचा हुआ है, वह कविता मनोज झा की नहीं है. उन्होंने तो बस ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता दोहरायी. उनका उद्देश्य किसी समाज को ठेस पहुंचाने का नहीं था. इसे भी पढ़ें : रघुवर">https://lagatar.in/raghuvar-wrote-a-letter-to-cm-said-st-certificate-should-be-issued-on-the-basis-of-tradition-and-dress/">रघुवर

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मनोज झा ने कही थी ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता

आरजेडी सांसद मनोज झा ने सदन में ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता सुनायी थी. उन्होंने कहा था कि “चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का. भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का. बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की. कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?” इस कविता का जिक्र करते हुए मनोज झा ने सभी को अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी. इसे भी पढ़ें : भारत">https://lagatar.in/indias-external-debt-increased-to-us-629-1-billion-rbi/">भारत

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