Ranchi : भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के नाम पर अशोकनगर में फर्जीवाड़ा का काम किया जा रहा था. इस पर शनिवार को अरगोड़ा अंचल अधिकारी अरविंद कुमार ओझा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. जानकारी का अनुसार अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ओझा ने मामले में सात लोगों के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है.
दर्ज एफआईआर के अनुसार मुजफ्फरपुर, बिहार के कुल 7 लोगों के पास से फर्जीवाड़े में 43 लोगों का आवेदन प्राप्त हुआ है. इन 43 लोगों से फ़ोन पर बात करने का बाद जानकारी मिली कि उनसे नौकरी के नाम पर पैसे लिए गए हैं. मामले की जानकारी देते हुए बताया गया कि फर्जी संगठन रोजगार देने के नाम पर लोगों से 11575 रुपए का मानदेय, मोबाइल खर्च और टीए देने का बात कहते थे. नियुक्ति पत्र और किट उपलब्ध कराने के लिए वे 6150 रुपए मांगते थे. इसपर एफआईआर दर्ज करते हुए अंचलाधिकारी ने उनपर पैसे की उगाही और धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है.
फर्जी मनरेगा का संचालन करते हुए ये 7 लोगों ने मिलकर अशोक नगर रोड नंबर एक स्थित एक कार्यालय का निर्माण किया था, जहां से फर्जीवाड़े का काम चलता था. प्रशासन ने इसे सील कर दिया है.
जानकारी के अनुसार इसमें वैशाली बिहार के सुगंध कुमार, अभय कुमार, असीत सिंह, अभिषेक कुमार, मुजफ्फरपुर के निवासी संजू देवी, प्रिंस कुमार और राजेश कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. जानकारी के अनुसार चल रहे फर्जीवाड़े की सूचना सीओ अरगोड़ा को मिली थी कि अशोक नगर में मनरेगा के नाम पर बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. इसके बाद सीओ ने अरगोड़ा थाना पुलिस के साथ दी गई जानकारी की जांच की. जांच में जानकारी इसे सच पाया गया. इसके बाद उनके कार्यालय को सील कर दिया गया.