Ranchi: एनएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ के कार्य बहिष्कार का आज 12वां दिन है. संघ ने अपने उच्च अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना, काम से हटाने की धमकी और विभागीय अधिकारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. साथ ही स्टेट प्रोग्राम मैनेजर (SPM) ज्वाला प्रसाद के सेवा मुक्त करने के आदेश को वापस लेने के अलावे अन्य मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार किया है. बता दें कि एनएचएम के तहत कोरोना टीकाकरण समेत स्वास्थ्य सेवा से जुड़े 50 से अधिक कार्यक्रम बाधित हो रहे हैं.
एनएचएम कर्मियों के कार्य बहिष्कार को जिले के कर्मियों ने भी दिया समर्थन
झारखंड हेल्थ एम्पलाई वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले एनएचएम मुख्यालय में स्वास्थ्य कर्मी धरने पर बैठे हुए हैं. संघ के संजय कुमार ने बताया कि हमारे कार्य बहिष्कार से वैक्सीनेशन समेत अन्य स्वास्थ संबंधी कामों पर प्रभाव पड़ा है. संघ को 20 जिले के एनएचएम से संबंध रखने वाले कर्मचारियों का भी समर्थन प्राप्त है. कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर काम करने वाले लोगों को भी बेवजह काम से हटाया गया.
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वहीं संघ के विजय ने कहा कि कार्य बहिष्कार में झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मचारी, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन ने अपना समर्थन दिया है. वहीं IMA और झासा से भी समर्थन मांगा गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी कई कर्मचारियों को बेवजह काम से हटा दिया गया. इससे हमारा मनोबल कमजोर होता है.
अधिकारियों के दुर्व्यवहार से कमजोर होता है हौसला
जबकि सुजीत कुमार ने कहा कि एनएचएम के उच्च अधिकारी अपने कर्मचारियों पर मानसिक प्रताड़ना और काम से हटाने की धमकी देते हैं. हम लोगों ने कोरोना से रिकवर होने के बाद विभाग को सेवा दिया है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का दुर्व्यवहार हमारे हौसले को कमजोर करता है.
ये योजनाएं हो रहीं प्रभावित
चाइल्ड हेल्थ, फैमिली प्लानिंग, मेटरनल हेल्थ, पीसीपीएनडीटी, ट्राइबल हेल्थ, अर्बन हेल्थ, एनवीबीडीसीपी, एनसीईपी, एनपीसीबी, आरएनटीसीपी, एनआईडीडीसीपी, आईडीएसपी, आयुष, मोबाइल मेडिकल यूनिट, रूटीन इम्यूनाइजेशन सहित 50 से अधिक प्रोग्राम प्रभावित हो रही हैं. एनएचएम कर्मियों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अलावा अन्य स्वास्थ्य से संबंधित कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं.
संविदा कर्मियों की हैं यह मांगें
– स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ज्वाला प्रसाद की बर्खास्तगी को वापस लिया जाए.
– अन्य कर्मचारियों की सुनियोजित तरीके से बर्खास्तगी को तत्काल निरस्त किया जाए.
– उच्च अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार एवं निराधार आरोप पर अंकुश लगाया जाए.
– कोरोना महामारी के नियंत्रित स्थिति को देखते हुए पहले की तरह शनिवार और रविवार अवकाश के साथ कार्यपालक एवं राजपत्रित अवकाश बहाल की जाए.
– पूर्व में निर्धारित किए गए एचआर पॉलिसी को मूर्त रूप देते हुए अविलंब लागू किया जाए.
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