New Delhi : देश में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा और हेट स्पीच संबंधी घटनाओं को लेकर विपक्ष के 13 नेताओं ने शनिवार को गंभीर चिंता जतायी है. साथ ही लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की है. विपक्षी नेताओं ने इन मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित चुप्पी पर भी सवाल उठाया.
13 नेताओं द्वारा जारी किया गया संयुक्त बयान
संयुक्त बयान में 13 विपक्षी दलों ने कहा है कि वे क्षुब्ध हैं कि भोजन, वेशभूषा, आस्था, त्योहारों और भाषा जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने के लिये किया जा रहा है. यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी चीफ शरद पवार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत 13 नेताओं द्वारा जारी किया गया है.
प्रधानमंत्री की चुप्पी पर उठाया सवाल
संयुक्त बयान में विपक्ष के नेताओं ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर स्तब्ध हैं, जो कि ऐसे लोगों के खिलाफ कुछ भी बोलने में नाकाम रहे, जो अपने शब्दों और कृत्यों से कट्टरता फैलाने और समाज को भड़काने का काम कर रहे हैं. यह चुप्पी इस बात का तथ्यात्मक प्रमाण है कि इस तरह के निजी सशस्त्र भीड़ को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है. एकजुट होकर सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने का अपना संयुक्त संकल्प जताते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि हम उस जहरीली विचारधारा से मुकाबले करने संबंधी अपने संकल्प को दोहराते हैं, जो कि हमारे समाज में फूट डालने की कोशिश कर रही है.
लोगों से शांति बनाए रखने की अपील
बयान में कहा गया है कि हम सभी वर्गों के लोगों से अपील करते हैं कि शांति बनाए रखें और ऐसे लोगों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दें, जो कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को और गहरा करना चाहते हैं. गौरतलब है कि 10 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर देश के कुछ हिस्सों से सांप्रदायिक हिंसा की खबरें सामने आयी थीं.
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