Uttarakhand : उत्तराखंड के चमोली में 7 जनवरी को हुई तबाही ने 14 लोगों की जान ले ली है. जब की 170 से अधिक लोग लापता होने की खबर आ रही है. बता दें कि रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से धौली गंगा नदी में बाढ़ आयी थी. ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. चमोली पुलिस के मुताबिक इस हादसे में अबतक 14 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 170 लोग लापता है.
इसे भी पढ़ें –चमोली हादसा : भू-वैज्ञानिकों ने आठ माह पहले चेताया था, आखिर मच गयी तबाही
16 लोगों को ITBP ने बचाया
आर्मी ने बताया कि 4 आर्मी कॉलम्स, दो मेडिकल टीमों, एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स को रिंगी गांव में तैनात किया गया है. सेना के हेलिकॉप्टर हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं. ITBP की तीन टीमें रेस्क्यू मिशन में लगी हुई हैं, जिसमें करीब 250 लोग शामिल हैं.
बता दें कि मोली में तपोवन के पास सुरंग में फंसे 16 लोगों को ITBP ने बचाया है ITBP की टीम ने सुरंग से निकाले गये 3 व्यक्तियों को ऑक्सीजन दी है, वे अंदर बेहोश पाये गये थे.
इसे भी पढ़ें –ग्लेशियर टूटने से तबाह चमोली में रात भर चलेगा रेस्क्यू ऑपरेशन, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद मॉनिटर करेंगे
रात भर चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
मिली जानकारी के अनुसार रात भर जॉइंट रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद कंट्रोल रूम से मॉनिटर की है. चमोली में हादसे वाली जगह पर रात में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बिजली की व्यवस्था की गयी थी.
इसे भी पढ़ें –उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही, कई मजदूरों के बहने की आशंका
देहरादून स्थित वाडिया भू-वैज्ञानिक संस्थान के वैज्ञानिकों ने चेताया था
जानकारी के अनुसार देहरादून स्थित वाडिया भू-वैज्ञानिक संस्थान के वैज्ञानिकों ने पिछले साल जून-जुलाई में एक अध्ययन के जरिए जम्मू-कश्मीर के काराकोरम समेत पूरे हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियरों द्वारा नदियों के प्रवाह को रोकने और उससे बनने वाली झील के खतरों को लेकर चेताया था.
2019 में क्षेत्र में ग्लेशियर से नदियों के प्रवाह को रोकने संबंधी शोध आइस डैम, आउटबस्ट फ्लड एंड मूवमेंट हेट्रोजेनिटी ऑफ ग्लेशियर में सेटेलाइट इमेजरी, डिजीटल मॉडल, ब्रिटिशकालीन दस्तावेज, क्षेत्रीय अध्ययन की मदद से वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट जारी की थी.
इसे भी पढ़ें –10 तस्वीरों में देखें उत्तराखंड में तबाही का मंजर, देखें वीडियो