Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग जिले में 151 नर्सिंग होम या प्राइवेट अस्पताल के पास लाइसेंस हैं. इनमें शहर में करीब 90 प्राइवेट अस्पताल या नर्सिंग होम संचालित हैं. इसकी जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय ने दी है. हालांकि इनमें आधे से अधिक नर्सिंग होम में 10 गुणा 10 के तंगहाल कमरे हैं. इन प्राइवेट हेल्थ सेंटर में मरीजों के लिए न पर्याप्त साधन मौजूद है और न ही सुविधाएं. लेकिन लाइसेंस लेकर ऐसे नर्सिंग होम धड़ल्ले से मरीजों को भर्ती कर रहे हैं और मोटी रकम भी ऐंठ रहे हैं. हर नर्सिंग होम संचालकों ने शहर से गांव तक अपने एजेंट छोड़ रखे हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग इन एजेंटों के झांसे में फंस जाते हैं. दरअसल ऐसे एजेंट मरीजों के परिजनों को सुविधाओं के नाम पर झांसा देकर खूब सब्जबाग दिखाते हैं. लोग तब खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं जब मरीज की जान चली जाती है. ऐसे कई केस हजारीबाग में हुए हैं.
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पदमा की महिला की चली गई जान
केस-1 : हजारीबाग शहर के इंद्रपुरी चौक स्थित राजा बांग्ला में संचालित जनता नर्सिंग होम में पदमा के गोटिया गांव की महिला सिंकी देवी की मौत इलाज के दौरान हो गई. घटना दो दिन पहले की है. परिजनों ने बताया कि एक एजेंट के कहने पर महिला को भर्ती कराया. उसकी नॉर्मल डिलीवरी की बात कही गई. बाद में ऑपरेशन किया गया. इस दौरान महिला की जान चली गई. हालांकि बच्चे को बचा लिया गया. परिजनों ने वहां काफी हंगामा किया. बाद में दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर मामले को सलटा लिया. हालांकि नर्सिंग होम के संचालक सिंकी देवी के वहां भर्ती होने से इनकार करते हैं.
हर्निया और पथरी के मरीज की चली गई थी जान
शहर के इंद्रपुरी चौक स्थित सिटी लाइफ केयर नर्सिंग होम में हर्निया के मरीज का ऑपरेशन हुआ था. इसमें बड़कागांव के कुंदौल के युवक की मौत हो गई थी. उसे भी एक एजेंट ने वहां लाकर भर्ती कराया था. मामले ने काफी तूल पकड़ा था. इसमें बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद को पहल करनी पड़ी थी. तब जाकर मामला शांत हुआ था. इसी प्रकार आशा किरण में भी पथरी के ऑपरेशन के दौरान एक महिला की मौत हुई थी.
कहां-कहां के नर्सिंग होम को मिला है लाइसेंस
हजारीबाग जिले में जिन नर्सिंग होम को लाइसेंस मिला है, उनमें सदर प्रखंड में नौ, कटकमसांडी में सात, बरही में नौ, बड़कागांव में 11, बरकट्ठा में छह, विष्णुगढ़ में आठ, चौपारण में तीन, चुरचू में दो, केरेडारी में तीन, इचाक में तीन और शहर में करीब 90 नर्सिंग होम संचालित हैं.
सिविल सर्जन भी करते हैं एजेंट की पुष्टि
सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह भी एजेंट की ओर से बहला-फुसलाकर नर्सिंग होम में मरीजों को भर्ती किए जाने की बात की पुष्टि करते हैं. उनका कहना है कि दो दिन पहले जनता नर्सिंग होम में जिस महिला की मौत हुई, वह पहले सदर अस्पताल में भर्ती हुई थी. वहां से एक महिला एजेंट उसे नर्सिंग होम ले गई. महिला एजेंट की पहचान होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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