Amritsar : पाकिस्तान के मालिर जेल में कैद 200 भारतीय मछुआरे रिहा हो गये हैं. इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी ‘आपातकालीन यात्रा प्रमाणपत्र’ का इस्तेमाल करके सभी मछुआरे अमृतसर के अटारी वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचे. 200 भारतीय मछुआरों को अटारी-वाघा सीमा पर मौजूद बीएसएफ के अधिकारियों को सौंपा गया. देश लौटने के बाद डॉक्टरों की एक टीम ने मछुआरों की जांच की. हालांकि अभी वहां करीब 265 भारतीय मछुआरे हैं. (पढ़ें, भारतीय रेलवे के इतिहास में अब तक 9 दर्दनाक हादसे, 1981 में नदी में गिरी थी ट्रेन, 800 लोगों की हुई थी मौत)
पंजाब: पाकिस्तान सरकार द्वारा लगभग 200 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया। तस्वीरें अमृतसर के अट्टारी सीमा से हैं।
पाकिस्तान से लौटे मछुआरे अनिकेत ने बताया, “मैं गुजरात का रहने वाला हूं। दो साल पहले मछली पकड़ते वक्त पानी के बहाव की वजह से सीमा पार चला गया था। वहां करीब 265 भारतीय… pic.twitter.com/uXY7o5dWa4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 2, 2023
पाकिस्तानी जलक्षेत्र में प्रवेश करने से मछुआरों को किया जाता है गिरफ्तार
पाकिस्तान से लौटे मछुआरे अनिकेत ने बताया कि वो गुजरात के रहने वाले हैं. दो साल पहले मछली पकड़ते वक्त पानी के बहाव की वजह से वह सीमा के पार चला गया था. गौरतलब है कि पाकिस्तानी जलक्षेत्र में नाव चले जाने के कारण इन भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि अरब सागर की सीमा स्पष्ट रूप से परिभाषित न होने के कारण भारत और पाकिस्तान के मछुआरे अक्सर रास्ता भटककर एक-दूसरे के जलक्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे में भारतीय और पाकिस्तानी बल ऐसे मछुआरों को गिरफ्तार कर जेल भेज देते हैं. साथ ही उनकी नाव जब्त कर लेते हैं.
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