New Delhi : छत्तीसगढ़ में बड़ा शराब घोटाला सामने आया है. ईडी ने यहां 2000 करोड़ के शराब घोटाले का भंडाभोड़ किया है. इसमें छत्तीसगढ़ के शीर्ष राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है. ईडी ने इस घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर लिया है, उसे चार दिनों की ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है.
ईडी ने जो जानकारी दी है वह काफी चौंकाने वाले हैं. ईडी का दावा है कि 2019 से 2022 के बीच 2000 करोड़ के घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. ईडी ने अपने बयान में बताया है कि मार्च में कई स्थानों पर तलाशी ली थी और इस कथित घोटाले में शामिल कई लोगों के बयान भी दर्ज किए थे.
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ईडी का दावा है कि मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को राज्य के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था. अनवर ढेबर के नेतृत्व के एक बड़ा संगठित गिरोह इसमें काम कर रहा था.
ईडी के अधिकारियों के अनुसार अनवर ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए लोगों और संस्थाओं को जोड़ा और उनके माध्यम से एक संगठित आपराधिक नेटवर्क तैयार कर इस घोटाले को अंजाम दिया. इसमें उत्पाद विभाग के उद्देश्यों के उलट काम किया गया है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ सभी 800 शराब की दुकानें राज्य द्वारा संचालित है. छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली सभी शराब की खरीद को नियंत्रित करता है. जो आपूर्तिकर्ता दुकानें चलाते हैं उनके लिए मैन पावर, कैश कलेक्शन टेंडर्स, बोतल निर्माताओं और होलोग्राम निर्माताओं का चयन करने के लिए सीएसएमसीएल निविदाएं जारी करता है.
ईडी के अनुसार अनवर ने CSMCL के उच्च अधिकारियों तक राज्य के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों की मदद से पहुंच बनाई. इसके बाद पूरे सिस्टम पर ही कब्जा जमा लिया. शराब सप्लाई, बॉटल निर्माता, होलोग्राम निर्माता, मैन पावर सप्लायर से लेकर सब को अपने नियंत्रण में ले लिया और फिर कमीशन का खेल खेला गया. ईडी की जांच में कई और खुलासे हुए हैं. बताया जा रहा है कि ईडी की रडार पर छत्तीसगढ़ के कई शीर्ष नेता और अधिकारी भी हैं.
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