Saurav Singh
Ranchi : झारखंड में आंतरिक विधि व्यवस्था बना रखने, नक्सल विरोधी अभियान को गति देने के लिए स्पेशल आक्जिलरी पुलिस ( सैप) का गठन किया गया था. लेकिन हालत यह है कि दो महीने से सैप के दो हजार जवानों को वेतन नहीं मिल रहा है, ना इन जवानों को एक्सटेंशन मिला है इसके बावजूद भी जवानों से काम लिया जा रहा है. पढ़ें – कांग्रेस का तंज, आरएसएस ने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया, तिरंगा लिये नेहरू की तस्वीर वाली डीपी लगा रहे हैं कांग्रेसी
इसे भी पढ़ें – ग्रामीण क्षेत्र में शुरू होगी मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना, प्राइवेट ऑपरेटर्स को अधिकतम पांच साल तक रोड टैक्स में मिलेगी छूट
दो महीने बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है एक्सटेंशन
सैप के जवानों से बात करने पर उन्होंने बताया कि झारखंड में सैप के दो यूनिट है. पहला रांची के टाटीसिलवे और दूसरा जमशेदपुर के हलुदबनी में है. जिनमें करीब दो हजार जवान है. समय-समय पर एक्सटेंशन दिया जा रहा था, लेकिन 31 मई 2022 को एक्सटेंशन खत्म हो गया. जिसे बढ़ाकर 31 मई 2027 तक किए जाने का निर्णय लिया गया है, लेकिन स्थिति यह है कि दो महीने बीत जाने के बाद भी ना ही एक्सटेंशन मिला है और ना ही वेतन मिल पा रहा है. इसके बावजूद भी पुलिस मुख्यालय के द्वारा ड्यूटी लिया जा रहा है. दो महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से जवानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सैप के जवान को 20 हजार रूपया और हवलदार को 25 हजार रूपया प्रति माह वेतन दिया जाता है.
इसे भी पढ़ें – निलंबित IAS पूजा की बेल पर फैसला सुरक्षित, बढ़ी बेचैनी
साल 2008 में हुआ था सैप का गठन
सबसे पहले बिहार में साल 2005 में सैप का गठन हुआ था. बाद में बिहार मॉडल की तर्ज पर ही झारखंड, ओडिशा समेत कई राज्यों ने भी सैप का गठत किया गया. झारखंड में आंतरिक विधि व्यवस्था बना रखने, नक्सल विरोधी अभियान को गति देने व अन्य सुरक्षा संबंधित दायित्यों जैसे राज्य के काराओं, औद्योगिक प्रतिष्ठानों तथा रेल, सड़क व विद्युत सिंचाई परियोजना निर्माण कार्यों में शामिल कंपनियों की सुरक्षा के लिए सैप के दो बटालियन का गठन किया गया था. पुलिस आउट पोस्ट, टीओपी में पर्याप्त सशस्त्र बल उपलब्ध कराने आदि के उद्देश्य से ही भारतीय सेना से सेवानिवृत्त सैनिकों से अनुबंध के आधार पर ही सात जून 2008 में सैप के दोनों बटालियन का गठन किया गया था.
इसे भी पढ़ें – मानसून सत्र : ग्राउंड वाटर के सवाल पर बुरे फंसे मंत्री मिथलेश ,प्रदीप- मंत्री को नीचा दिखाना नहीं, सचेत करना मकसद
इस विशेष बटालियन में कार्यरत हैं सिर्फ झारखंड के निवासी
पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव के अनुसार इस बटालियन में सिर्फ झारखंड राज्य के ही निवासी कार्यरत हैं. जो यहां की भौगोलिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से अच्छी तरह परिचित हैं. इसके कारण नक्सल विरोधी अभियान चलाने में काफी सहयोग प्राप्त होता है. वर्तमान में सैप के दोनों बटालियन का कार्यकाल विस्तार एक जून 2022 से 31 मई 2027 तक विस्तारित किया जाना आवश्यक है.
इसे भी पढ़ें – SpiceJet बेचेगी अपनी 24 फीसदी हिस्सेदारी, तैयारी शुरू, खबर से शेयर में 15.33 फीसदी का उछाल