50,000 शिक्षकों की नियुक्ति करने का कैबिनेट से हुआ प्रस्ताव पास, चार माह बीतने के बाद भी कार्मिक ने नहीं भेजी अधियाचना
शिक्षा में 80 मॉडल स्कूलों (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) को सीबीएसई से मान्यता दिलाने की पहल तो पहली बार जनजातीय, डिजिटल और स्किल यूनिवर्सिटी का हुआ रास्ता साफ
Ranchi : झारखंड की सत्ता में आने के बाद हेमंत सोरेन सरकार का प्रमुख जोर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के साथ युवाओं को रोजगार दिलाने पर था. वर्ष 2020 पूरी तरह से कोरोना में ही गुजरा. 2021 नियुक्ति वर्ष घोषित हुआ, लेकिन वह भी फिसड्डी साबित हुई. वर्ष 2022 को खत्म होने में महज कुछ ही दिन शेष बचे हैं. 2022 में सरकार शिक्षा के क्षेत्र में संतुलित प्रदर्शन तो कर पायी, लेकिन रोजगार देने के मामले में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुई.
रोजगार देने वाली दो संस्थाएं झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेपीएससी) की स्थिति काफी खराब रही. सालभर सुस्त रही जेएसएससी को बड़ा झटका तब लगा, जब हाइकोर्ट ने नियुक्ति नियमावली-2021 को निरस्त कर दिया. इससे जेएसएससी के 20 से अधिक नियुक्ति विज्ञापन रदद् हो गए. हालांकि जेपीएससी के प्रदर्शन को कुछ हद तक संतोषजनक कहा जा सकता है.
वर्ष 2022 में शिक्षा के क्षेत्र की बात करें, तो यह थी प्रमुख पहल
250 सरकारी विद्यालयों में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू : झारखंड की 250 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के कक्षा तीन में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू हुई. खूंटी में मुंडारी, लोहरदगा में कुडुख, पश्चिमी सिंहभूम में हो, गुमला सिमडेगा में खड़िया और साहिबगंज में संताली भाषा में पढ़ाई शुरू की गई.
तीन सरकारी स्कूलों को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार : स्वच्छता के विभिन्न मानकों पर खरा उतरने के लिए तीन सरकारी स्कूलों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. इनमें रांची के सोनाहातू स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय तथा पूर्वी सिंहभूम के टाटा वर्कर्स यूनियन हाई स्कूल- कदमा शामिल है.
80 मॉडल स्कूलों को मान्यता : 80 मॉडल स्कूल (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) को सीबीएसई की मान्यता देने की पहल हुई. अभी तक 24 सरकारी स्कूल को मान्यता मिल गई है. शेष 56 स्कूलों के लिए सीबीएसई की टीम जल्द राज्य का दौरा करेगी. अगले शैक्षणिक सत्र से यहां पर सीबीएसई पैटर्न पर अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में पढ़ाई होगी.
विश्वविद्यालय बनाने का हुआ फैसला : जनजातीय विश्वविद्यालय, कौशल और उद्मिता विश्वविद्यालय, बाबू दिनेश सिंह विवि, सोना देवी विवि बनाने का फैसला लिया गया.
मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना की हुई शुरुआत : राज्य के विद्यार्थियों के निःशुल्क कोचिंग के लिए “मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना” शुरू हुई. इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, विधि, जन संचार फैशन डिजाईनिंग, फैशन टेक्नॉलोजी, होटल मैनेजमेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट से संबंधित प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए दी जाएगी.
एकलव्य प्रशिक्षण योजना : प्रतियोगिता परीक्षा (संघ लोक सेवा आयोग, झारखंड लोक सेवा आयोग, केंद्रीय/झारखंड कर्मचारी चयन आयोग और विभिन्न भर्ती एजेंसियां जैसे बैंकिंग/रेलवे भर्ती बोर्ड की तैयारी कराने के लिए निःशुल्क कोचिंग देने के लिए योजना लागू की गयी.
पारा शिक्षकों के लिए बनी नियमावली, पीएफ कटेगा बनेगा कल्याण कोष : 61,421 पारा शिक्षकों के लिए नियमावली बनी. पारा शिक्षकों का 12 प्रतिशत पीएफ कटेगा. इनके लिए सरकार कल्याण कोष बनाएगी. मृत्यु या रिटायमेंट पर 5 लाख की आर्थिक मदद मिलेगी.
शिक्षकों के स्थानांतरण नियमावली में हुआ संशोधन : शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए जिले को 5 जोन में बांटा गया. जोन-एक में जिला मुख्यालय व जोन-दो में अनुमंडल व प्रखंड मुख्यालय के विद्यालयों को रखा गया. अब शिक्षक जोन एक व दो में सामान्यत: (एक टर्म) पांच वर्ष से अधिक के लिए पदस्थापित नहीं किये जाएंगे.
संस्कृत विद्यालयों और मदरसों को दोगुना अनुदान देने की स्वीकृति : इस पहल से 536 शिक्षकों और कर्मचारियों को फायदा मिलेगा.
बच्चों का बदला पोशाक : सरकारी स्कूलों के भवनों के बाद बच्चों को मिलनेवाली पोशाक में भी बदलाव किया गया. सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कक्षा छह से बारहवीं तक के छात्रों का पैंट हरा तथा शर्ट सफेद और हरा रंग का होगा. वहीं, छात्राओं को मिलने वाली पोशाक में सलवार हरा तथा शूट सफेद और हरा रंग का होगा. दुपट्टा भी हरा रंग का ही होगा.
शिक्षक नियुक्ति में पूरी तरह से विफल रहा शिक्षा विभाग
चार माह बाद भी शिक्षक नियुक्ति की नहीं भेजी गयी अधियाचना : अगस्त 2022 के कैबिनेट में 50,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रस्ताव को स्वीकृति मिली. यह नियुक्ति जिला स्तर पर की जानी थी. पहले चरण में 25,996 शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी. आरक्षण रोस्टर में पेंच के कारण कार्मिक को चार माह भी अधियाचना नहीं भेजी गयी.
न टेट की परीक्षा हुई न ही पारा शिक्षकों की आंकलन परीक्षा : झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पिछले पांच साल से नहीं हुई है. इस साल भी यह नहीं हो पायी. इसी तरह पारा शिक्षकों की आंकलन परीक्षा लेने में भी विभाग विफल रहा.
रोजगार देने में विफल रही हेमंत सरकार
साल 2022 में भी हेमंत सोरेन सरकार रोजगार देने में पूरी तरह से विफल रही. हाइकोर्ट ने जेएसएससी नियुक्ति नियमावली- 2021 रद्द कर दी. इससे आयोग द्वारा निकाले गए 20 से अधिक विज्ञापन रद्द हो गए. हालांकि रोजगार देने में जेपीएससी का प्रदर्शन कुछ बेहतर रहा. साल 2022 में जेपीएसएसी द्वारा निम्न पहल रहीं.
32 वर्ष बाद जिला कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति : जून 2022 में झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा अनुशंसित 129 पदाधिकारियों को हेमंत सोरेन ने नियुक्ति पत्र दिया.
रिकार्ड 251 दिनों में 252 सिविल सेवा अधिकारियों की नियुक्ति : सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा को रिकॉर्ड 251 दिनों में पूरा किया गया. मुख्यमंत्री ने जुलाई 2022 में इन चयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया. चयनित अभ्यर्थियों में से 32 बीपीएल परिवार से थे.
600 से अधिक पदों पर असिस्टेंट इंजीनियर्स की नियुक्ति
लेखा तथा अंकेशक पदाधिकारी की नियुक्ति : 2019 की लेखा तथा अंकेक्षक पदाधिकारी नियुक्ति प्रक्रिया को हेमंत सरकार ने पूरा किया.
180 मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति हुई.
प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोलने की पहल : हेमंत सरकार ने हर प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोलने की पहल की. गढ़वा के रंका में डिग्री कॉलेज का फैसला हुआ.
डिग्री कॉलेजों में पद सृजन : उच्च एवं तकनीकि शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाली 12 डिग्री कॉलेजों में 319 पदों का सृजन हुआ. कैबिनेट की स्वीकृति मिली. इसमें रांची विश्वविद्यालय के सिल्ली, खिजरी और कोलेबिरा, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के टुंडी, गोमिया और आरएसपी-2 (धनबाद), कोल्हान विवि के जुगसलाई, विनोवा भावे विवि अंतर्गत आने वाले पांच डिग्री कॉलेज शामिल हैं. इसमें 15 विषयों (क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा शामिल हैं.) में 102 असिस्टेंट प्रोफेसर, एक-एक प्रिंसिपल, क्लर्क, असिस्टेंट लाइब्रेरियन,कंप्यूटर ऑपरेटर और फोर्थ लेवल के पद सृजन करना शामिल है.
217 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों (सीएचओ) को नियुक्ति पत्र : हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के आयुष निदेशालय द्वारा नियुक्त 217 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों (सीएचओ) को नियुक्ति पत्र सौंपा. सभी की नियुक्ति अनुबंध पर आयुष के अंतर्गत संचालित हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों के लिए हुई.