- 3310 डीप बोरिंग ओर परकोलेशन टैंक (रिसाव तालाब) पर खर्च होंगे 165 करोड़
- 2023-24 में बंजर भूमि विकास योजना के तहत खर्च होंगे 500 करोड़
- 2022-23 में बंजर भूमि विकास योजना में खर्च हए थे 467 करोड़
Pravin Kumar
Ranchi: राज्य के तालाबों के जीर्णोद्धार और गहरा करने के लिए सरकार 335 करोड़ रुपये खर्च करेगी. मृदा एवं जल संरक्षण योजना के तहत 2235 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाना है. इसके लिए विभाग की ओर से लक्ष्य निर्धारित कर जिलों को भेज दिया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना में 467 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. विभाग ने जिलों को तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए डीपीआर तैयार करते हुए तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त करने का निर्देश दिया है. सरकारी और निजी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए सरकार ने मापदंड तय किए हैं. तालाबों का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाना है.
डीसी की स्वीकृति के बाद 15 दिनों के भीतर काम शुरु करना है
सरकार मानसून से पहले तालाबों के गहरीकारण का काम कर लेना चाहती है. वैसे तालाबों का जीर्णोद्धार एवं गहरीकरण की सरकार की योजना है जिससे 8 से 10 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सके. वैसे तलाबों का जीर्णोद्धार एवं गहरीकरण किया जाना है जिसका क्षेत्रफल 1 एकड़ से 5 एकड़ के बीज हो. 90% राशि राज्य सरकार एवं 10% राशि पानी पंचायत सदस्य कृषक अंशदान करेंगे. डीसी द्वारा तालाबों की सूची को स्वीकृति देने के 15 दिन के भीतर काम शुरु किया जाना है.
निजी तालाबों का भी किया जा सकता है जीर्णोद्धार
योजना की स्वीकृति अंचल अधिकारी द्वारा जमीन का स्वामित्व प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा. साथ ही तालाब के पानी का सार्वजनिक उपयोग को लेकर शपथ पत्र देना होगा. शपथ पत्र में ही इस बात की भी उल्लेख करना होगा कि पानी के सार्वजनिक उपयोग में तालाब मालिक बाधा उत्पन्न नहीं करेगा. निजी तालाब के जीर्णोद्धार में जमीन, खतियानधारी का मालिकाना स्वामित्व बना रहेगा.
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जल निधि योजना में 3310 डीप बोरिंग और परकोलेशन टैंक पर खर्च होंगे 165 करोड़
जल निधि योजना के तहत डीप बोरिंग एवं परकोलेशन टैंक का निर्माण किया जाना है. योजना के तहत लघु एवं सीमांत कृषक समूहों को 90% राशि सरकार उपलब्ध करा रही है. योजना का एस्टीमेट भूमि संरक्षण विभाग तैयार कर रहा है. जिस पर सक्षम स्तर से तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर योजना चालू किया जाना है. इस योजना में सरकार 165 करोड़ खर्च कर 3310 डीप बोरिंग और परकोलेशन टैंक बनाने का लक्ष्य रखा है. विभाग के स्तर से योजना को स्वीकृत कर जिला को भेज दिया गया है.