Ranchi: झारखंड में 2 साल में साइबर अपराध के 2299 मामले दर्ज हुए हैं. यह आंकड़े हैं 2019 और 2020 के. सांसद संजय सेठ के लोकसभा में उठाये सवाल पर केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह जानकारी दी. सरकार की ओर से बताया गया कि 2019-20 में पूरे देश में 94770 साइबर क्राइम के मामले आए, जिसमें झारखंड के 2299 मामले हैं. साइबर अपराध के सबसे अधिक मामले आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और वेस्ट बंगाल में सामने हैं.
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जामताड़ा समेत 7 शहरों में संयुक्त साइबर सेल कर रहा काम
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए, पूरी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए गृह मंत्रालय ने साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की है, ताकि अपराध पर नियंत्रण के लिए बेहतर कदम उठाए जा सकें. इसके तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना भी की गई है. मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी में 7 क्षेत्रों के लिए संयुक्त साइबर सेल का गठन किया गया है. यह दल राज्यों के साथ समन्वय कर उन्हें साइबर अपराधों को रोकने और उसकी जटिल समस्याओं को हल करने में मदद करता है.
साइबर अपराध रोकने के लिए कई उपाय कर रही सरकार
केंद्रीय मंत्री ने सदन में बताया कि साइबर अपराधों को रोका जाए, इस दिशा में सरकार कई तरह के उपाय कर रही है. भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल नियमित आधार पर कंप्यूटर नेटवर्क की सुरक्षा के लिए, साइबर खतरों को रोकने के लिए काम कर रहा है और इसके लिए अलग-अलग निर्देश भी समय-समय पर जारी किए जाते हैं. डेस्कटॉप, मोबाइल, स्मार्टफोन को सुरक्षित रखने और हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा संबंधित उपाय प्रकाशित किए जा चुके हैं. जिसकी सूचना समय-समय पर उपलब्ध कराई जाती है.
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