Vikash Kumar
Ranchi : झारखंड सरकार जल्द कोई फैसला नहीं लेती है तो राज्य के 2500 सहायक पुलिसकर्मी अगस्त माह से बेरोजगार हो जायेंगे. अपनी सेवा बहाली के लिए सहायक पुलिसकर्मियों ने पिछले वर्ष सितंबर माह में रांची के मोरहाबादी मैदान में 38 दिनों तक आंदोलन किया था. आंदोलन के दौरान सरकार ने सहायक पुलिसकर्मियों को वार्ता के लिए बुलाया था. इस वार्ता में मानदेय बढ़ाने, सेवा बहाल रखने सहित 8 मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. मोरहाबादी मैदान में पहुंचकर बंधु तिर्की ने सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर 2 महीने में निर्णय लेने की बात कही थी. लेकिन इतने दिनों बाद भी उनकी मांग पर कार्यवाही नहीं हो पायी है. इससे 2500 सहायक पुलिसकर्मी अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार अपना वादा भूल गयी है.
क्या है सहायक पुलिस कर्मियों की मांगें
वेतनमान बढ़ाना, वर्दी भत्ता बढ़ाना, मातृ अवकाश, स्थायीकरण, दूसरे जिले में ड्यूटी पर टीए- डीए का प्रावधान, आंदोलन के वक्त का वेतन और ड्यूटी के दौरान दुर्घटना होने पर मुआवजा. समझौता वार्ता के दौरान सहमति पत्र में हस्ताक्षर करते हुए बंधु तिर्की ने कहा था कि स्थायीकरण को छोड़कर सहायक पुलिसकर्मियो की सभी मांग सरकार पूरा करेगी.
76 दिन बाद भी सरकार ने नहीं लिया कोई फैसला
इनका कहना है कि 76 दिन बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार ने सहायक पुलिसकर्मियों को किए हुए वादे पर कोई निर्णय नहीं लिया है. और तो और आंदोलन के वक्त का वेतन भी काट लिया गया. राज्य सरकार कोई फैसला नहीं लेती है तो इसी साल के अगस्त महीने में 2500 सहायक पुलिसकर्मी बेरोजगार हो जायेंगे.
क्या कहा सहायक पुलिसकर्मियों ने
सहायक पुलिसकर्मी अविनाश ने कहा कि राज्य सरकार ने सहायक पुलिसकर्मियों के साथ झूठा वादा करके उन्हें ठगने का काम किया है. हदीस अंसारी ने कहा कि हम सभी सहायक पुलिसकर्मी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. हम फिर से आंदोलन की तैयारी में हैं.
अब भी वही मानदेय
सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गयी थी. वर्ष 2017 में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना के आधार पर 12 अति नक्सल प्रभावित जिलों के लिए कुल 2500 झारखंड सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गयी थी. इसके एवज में 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया था. इसके साथ ही नियुक्ति के समय कहा गया था कि 3 वर्ष पूरे होने के बाद झारखंड पुलिस के पद पर सीधी नियुक्ति की जायेगी. लेकिन अब तक इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया गया है. अब भी मात्र 10 हज़ार मानदेय पर ही 12 घंटे की ड्यूटी करते हैं सहायक पुलिसकर्मी.
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