- करीब 1.50 लाख की आबादी पानी के लिए परेशान
- हर पंचायत में जलस्रोत सूखे, कुएं और चापाकलों का भी बुरा हाल
Jaydeep Sinha
Barhi : हजारीबाग जिले के बरही प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में सोलर सिस्टम से करीब 52 जलमीनार स्थापित किए गए थे. हर जलमीनार से करीब दो दर्जन घरों में पानी पहुंचना था. लेकिन इसमें आधे से अधिक करीब 30 जलमीनार बेकार पड़े हैं. इनसे बूंद भर पानी भी लोगों को नहीं मिल रही है. बरही के पूर्वी, पश्चिमी, मलकोको, कोल्हू आकला समेत कई पंचायतों में पानी को लेकर हाहाकार मचा है. करीब डेढ़ लाख की आबादी पानी के लिए परेशान है. हर पंचायत में जलस्रोत करीब-करीब सूख चुके हैं. कुएं और चापाकलों का भी बुरा हाल है.
कोनहरा में करीब 6500 की आबादी प्यासी
कोनहरा पंचायत में लगभग 6500 की आबादी है. पूर्व मुखिया सह वर्तमान मुखिया पति मो ताजुद्दीन ने बताया कि उनके पंचायत में चार सोलर जलमीनार हैं. इसमें एक की बोरिंग धंसने और एक की टंकी चोरी होने के कारण खराब हैं.
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बेंदगी में दो में एक जलमीनार खराब
बेंदगी के मुखिया सिकंदर राणा ने बताया कि उनके पंचायत में महज दो जलमीनार हैं. जिसमें एक खराब है. वहीं पूर्वी पंचायत के पूर्व मुखिया और वर्तमान मुखिया पति छोटन ठाकुर के अनुसार, उनके पंचायत में पीएचडी से बनी सात जलमीनार में पांच खराब पड़े हैं.
ढाई-ढाई लाख की दो जलमीनार से नहीं मिलता पानी
करीब ढाई-ढाई लाख की लागत से बनी छह जलमीनारों में दो ड्राई हो चुके हैं. पीएचईडी से बने 10 नलकूप खराब हैं. पूर्वी पंचायत में करीब 6 हजार लोग निवास करते हैं. यहां भी पेयजल के लिए हाहाकार मचा है.
बसरिया में सात जलमीनार की स्थिति बदतर
बसरिया सह पंचमाधव पंचायत की भी स्थिति पूर्व मुखिया सह वर्तमान मुखिया पति हरेंद्र यादव ने बताया कि उनके पंचायत में कुल मिलाकर 25 जलमीनार हैं. इसमें पीएचईडी से सात जलमीनार बने हैं. उनकी स्थिति बदतर है.
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कोलंगा और बसरिया में बनी जलमीनार ध्वस्त, 100 घरों में पहुंचना था पानी
वर्ष 2011- 12 में करीब 25 लाख की लागत से बना लघु सिंचाई योजना से कोलंगा और बसरिया में बनी जलमीनार पूरी तरह ध्वस्त हो गया है. इससे करीब 100 से भी अधिक घरों में पानी पहुंचाया जाना था.
मलकोको में भी जलसंकट, जलमीनार
मलकोको पंचायत के मुखिया विजय कुमार यादव ने भी बताया कि उनकी पंचायत में भी पेयजल संकट बरकरार है. 2.49 लाख की लागत से मुखिया कोष से 10 जलमीनार लगाए गए थे. इसमें एक खराब है.
नौ लाख की लागत से लगी जलमीनार में दो खराब
वर्ष 2011 में पीएचईडी से करीब नौ लाख की लागत से बुंडू, बेलादोहर और चतरो में जलमीनार लगाई गई थी. इनमें दो खराब हैं, जबकि बुंडू विद्यालय परिसर के खराब पड़े जलमीनार को मुखिया कोष से निर्माण करवाया गया है.
बुंडू, बेलादोहर और चतरो में 50 में 30 चापाकल बेकार
पीएचईडी से बुंडू, बेलादोहर और चतरो में पंचायत में 50 से भी अधिक चापाकल हैं. जिसमें करीब 30 चापाकल खराब पड़े हैं. इन पंचायतों में पेयजल की घोर किल्लत है. मुखिया ने बताया कि पीएचडी को कई बार नलकूप मरम्मत के लिए खबर की गई, परंतु अब तक सार्थक परिणाम नहीं मिले हैं.
कोष नहीं रहने के कारण जलमीनार की मरम्मत में परेशानी : जेई
पीएचईडी के जेई बिमल किशोर कहते हैं टेंडर की अवधि समाप्त हो चुकी है. जलमीनार निर्माण के बाद ग्रामीणों को सौंप दिया जाता है. इसे गांव वालों को हो ही अपने देखभाल में चलाना है. कोष उपलब्ध नहीं होने के कारण खराब जलस्रोत नहीं बनाए जा रहे हैं. स्थानीय मुखिया कोष से बनाया जाना चाहिए था, परंतु मुखिया लोग खराब जलमीनार या जलस्रोत का मरम्मत नहीं कराकर नए जलस्रोत बना रहे हैं. मरम्मत कराने से कम लागत में ही इसे चालू किया जा सकता है.