Ranchi: गुरुवार को सीएम चंपाई सोरेन ने 2454 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया. जिसमें स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक (पीजीटी) बायोलॉजी के 253, केमिस्ट्री के 259, फिजिक्स के 313 और भूगोल के 195 अभ्यर्थी शामिल हैं. नगर विकास और आवास विभाग के पाइपलाइन इंस्पेक्टर के लिए 15, स्ट्रीट लाइट इंसपेक्टर के 55 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया. कृषि विभाग के कनीय अभियंता के 9 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया है. खान निरीक्षक के 34 अभ्यर्थी हैं. विद्युत विभाग के कनीय अभियंता के 53 और पथ निर्माण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग के 1268 सिविल अभियंता को नियुक्ति पत्र दिया गया. राज्यसभा सांसद महुआ माजी, प्रधान सचिव सुनील कुमार, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव राजेश शर्मा, सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सचिव अरवा राजकमल, सचिव उमाशंकर सिंह, निदेशक शशि रंजन समेत अन्य शामिल रहे.
देखें वीडियो
3 से 4 महीनों में 30 हजार रिक्त पदों को भरा जाएगा- चंपई सोरेन
इस मौके पर सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि आने वाले 3 से 4 महीनों में 30 हजार रिक्त पदों को भरा जाएगा. झारखंड खनिज संपदाओं से भरा राज्य है. आदिवासी, मूलवासी, गरीब, मजदूर, शोषित, पिछड़े सहित सभी वर्ग-समुदाय विकास से ही झारखंड विकसित राज्यों की श्रेणी में आएगा. आप सभी नव नियुक्त कर्मी सरकार के अभिन्न अंग के रुप में कार्य करेंगे. हमारी सरकार की सोच है कि कम समय में ही ऐसे काम किए जाएं तो अबतक नहीं हुए. जल्द ही जनजातीय भाषाओं के शिक्षकों की भी बहाली होगी. झारखंड के प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू की जाएगी. इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है. झारखंड को सोने का चिड़िया वाले प्रदेश के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन यह विडंबना है कि बरसों से यहां के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, शोषित, पिछड़े अल्पसंख्यक सहित जरूरतमंदों को व्यवस्था से दूर रखा गया. हमारी सरकार उनको हक दिलाने का काम कर रही है.
इसे पढ़ें- फर्जीवाड़ा! बिहार में एक ही सर्टिफिकेट पर बहाल हुए कई शिक्षक
काम करने का मिला कम समय- चंपाई
चंपाई ने कहा, झारखंड बनने के बाद यहां के लोगों का उतना विकास नहीं हुआ जितने कि वे अपेक्षा करते थे. 2019 में हेमंत सोरेन को जो जनादेश मिला, लेकिन तुरंत कोरोना आया और दो साल तक सब रूक गया. पूर्व की सरकारों ने राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर अस्पतालों को संसाधन संपन्न करने पर ध्यान नहीं दिया. हेमंत के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के समय देश भर में एक बेहतर हेल्थ मैनेजमेंट का उदाहरण पेश किया. शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाना प्राथमिकता हमारी सरकार झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का काम कर रही है. झारखंड में संचालित सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों की तर्ज पर मॉडल स्कूल और उत्कृष्ट स्कूल बनाया जाएगा. ताकि झारखंड के बच्चे भी क्वालिटी एजुकेशन प्राप्त कर सकें. शिक्षा के बीना मनुष्य का जीवन अधूरा है. शिक्षित समाज से ही विकसित राज्य की परिकल्पना पूरी हो सकेगी. हमारी सरकार झारखंड में शिक्षा का ऐसा दीप जलाएगी जो कभी बुझेगी. पूर्व की सरकार ने 5000 प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया. सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को लगातार सहयोग कर रही है. स्कूली बच्चों की छात्रवृत्ति राशि में तीन गुना तक की वृद्धि की गई है. उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को आवश्यकता अनुसार गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से आर्थिक सहयोग किया जा रहा है. सभी वर्ग और समुदाय के लोगों को रोटी, कपडा और मकान उपलब्ध कराया जाएगा. मूलभूत और बुनियादी व्यवस्था को मजबूत करने में सभी का सहयोग बहुत जरूरी है, सभी को अपनी जिम्मेदारी संभालनी होगी. उनकी सरकार पीएम आवास योजना से वंचित 20 लाख पात्र परिवारों को अबुआ आवास योजना का लाभ देगी. राज्य में अबुआ आवास योजना के अंतर्गत प्रथम फेज में चिह्नित परिवारों को डीबीटी के माध्यम से प्रथम किस्त की राशि जा चुकी है.
इसे भी पढ़ें- राजस्थान : राहुल गांधी ने कहा, हम सरकार में आये तो 30 लाख सरकारी नौकरियां देंगे