New Delhi : भारत में इस साल के शुरुआती नौ महीनों में लगभग हर दिन मौसम की स्थिति चरम पर पहुंचने से कई घटनाएं सामने आयीं. इन घटनाओं के कारण लगभग 3,000 लोगों की मौत हो गयी.आज बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
अत्यधिक सर्दी, अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक वर्षा जैसे हालात बने
स्वतंत्र संस्थान सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट’ (सीएसई) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जलवायु के लिहाज से संवेदनशील देश में जनवरी से सितंबर 2023 तक लगभग 86 प्रतिशत दिनों में मौसम की स्थिति चरम पर पहुंचने यानी अत्यधिक सर्दी, अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक वर्षा जैसे हालात बने. सीएसई ने कहा कि इस अवधि में करीब 2,923 लोगों की मृत्यु हो गयी, 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल बर्बाद हो गयी. 80 हजार घर तबाह हो गये और 92,000 से अधिक मवेशी मारे गये.
यह तापमान वृद्धि वाली इस दुनिया में नया असामान्य घटनाक्रम है
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा, इंडिया 2023: एन असेसमेंट ऑफ एक्स्ट्रीम वेदर इवेंट्स में देश में विकट मौसमी परिस्थितियों की आवृत्ति और उनके विस्तार लेते भौगोलिक क्षेत्र पर साक्ष्य आधार तैयार करने का प्रयास किया गया है. यह आकलन स्पष्ट दर्शाता है कि देश में 2023 में अब तक जो देखा गया है वह तापमान वृद्धि वाली इस दुनिया में नया असामान्य घटनाक्रम है. मध्य प्रदेश में इस तरह के सर्वाधिक घटनाक्रम देखे गये जिनकी संख्या 138 थी. हालांकि ऐसी घटनाओं के कारण मृत्यु के सर्वाधिक मामले बिहार (642), हिमाचल प्रदेश (365) और उत्तर प्रदेश (341) में आये.
फरवरी ने सबसे गर्म रहने के मामले में 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
पंजाब में मौसम के चरम पर पहुंचने के मामलों में मवेशियों की मौत के सबसे ज्यादा मामले आये. हिमाचल प्रदेश में मकानों को सर्वाधिक नुकसान हुआ. रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी क्षेत्र में केरल में सर्वाधिक दिन (67) तक मौसम के चरम स्थिति पर पहुंचने संबंधी घटनाक्रम देखा गया, वहीं उत्तर पश्चिम भारत में उत्तर प्रदेश में 113 दिन के साथ यह स्थिति सर्वाधिक दिन रही. सीएसई ने कहा कि इस साल जनवरी का महीना औसत से थोड़ा गर्म रहा, वहीं फरवरी ने सबसे गर्म रहने के मामले में 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ा.