Satya Mishra
Ranchi : झारखंड में बीजेपी ने 2022 की शुरुआत राज्य सरकार और विपक्षी दलों पर हमलों से किया. साल के पहले महीने राज्य में कानून व्यवस्था, जेपीएससी, वैक्सीनेशन, पंचायत चुनाव और किसानों के मुद्दे समेत दर्जनों मुद्दों को लेकर बीजेपी के बड़े नेताओं ने सरकार को घेरा. केंद्र ने राज्य सरकार को कितना पैसा दिया और उसका क्या हुआ. राज्य और केंद्र की योजनाओं की राज्य में वर्तमान स्थिति क्या है. बजट की राशि कितनी खर्च हुई, इन सब मुद्दों को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जनवरी के 31 दिनों में क्या-क्या बयान दिये पढ़िए…
दीपक प्रकाश के एक महीने के ऑफिशियल बयान
31 जनवरी – राज्य में प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह विफल हो चुका है. राज्य में न आम आदमी सुरक्षित है न खास. इस सरकार की नीयत ही अपराध नियंत्रण की नहीं है. यह सरकार अपराधियों पर नियंत्रण के बजाय आम आदमी को परेशान करने में विश्वास रखती है. अपराध नियंत्रण नहीं हुआ तो बीजेपी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी.
29 जनवरी – कोरोना वैक्सीन की बर्बादी में झारखंड पूरे देश में अव्वल रहा है. राष्ट्रीय औसत 6.3 फीसदी तो झारखंड में वैक्सीनेशन बर्बादी 37.3 प्रतिशत. यानी केंद्र सरकार द्वारा भेजे गये जीवन रक्षक 100 में से 37 वैक्सीन बर्बाद करने का काम हेमंत सरकार और उनकी सरकारी व्यवस्था ने किया है.
27 जनवरी – झारखंड वित्तीय कुप्रबंधन का शिकार हो चुका है. रघुवर सरकार के समय से ज्यादा राशि केंद्र से राज्य को मिली है, लेकिन उसका सदुपयोग नहीं हुआ. 2009 से 14 तक वित्त आयोग अनुदान से 5079 करोड़ जबकि 2014 से 19 तक 6963 करोड़ दिया गया. वहीं 2019 से 14 जनवरी 2022 तक 11,008 करोड़ रुपये आवंटित किया गया.
25 जनवरी – सरकार जेपीएससी प्रकरण की सीबीआई जांच कराये और चेयरमैन को बर्खास्त करे. यह सरकार युवा विरोधी सरकार है. युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
24 जनवरी – इस सरकार में राष्ट्रविरोधी तत्व, उग्रवादी संगठन, हत्यारे और बलात्कारियों का मनोबल बढ़ गया है. इस सरकार ने राष्ट्रविरोधियों को स्पष्ट मैसेज देने का कार्य किया कि वह उनके के साथ है. नक्सली संगठन के सक्रिय सदस्य राजधानी में शरण लिए बैठे हुए हैं और खुफिया तंत्र सोयी हुई है.
23 जनवरी – मुख्यमंत्री चंद अधिकारियों के इशारे पर निर्णय ले रहे हैं. वे प्रशासन एवं प्रशासनिक सेवाओं का राजनीतिकरण कर रहे हैं. यूपीएससी केंद्र सरकार के अधीन है. केंद्र को अधिकार है कि जहां चाहे उनकी सेवा ले सकती है. इसमें राज्य सरकार को कोई ऐतराज होना ही नहीं चाहिये.
23 जनवरी – हेमंत सरकार किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है. किसानों की मेहनत से उगाई फसल को नहीं खरीदकर सरकार उन्हें मुसीबत में डाल रही है. सरकार किसानों के स्वाभिमान और सम्मान को बिचौलियों के हाथों गिरवी रखवाना चाहती है.
21 जनवरी – कोरोन काल में दवा बांटने के बजाय सरकार का शराब के होम डिलीवरी का फैसला जनविरोधी है. दवा की जगह सरकार लोगों को दारू पिलाने पर उतारू है. राजस्व बढ़ाने के लिए कई साधन हैं, लेकिन इस निकम्मी सरकार में नेतृत्वविहीनता के कारण राजस्व बढ़ाने के लिए शराब का सहारा लिया गया है.
19 जनवरी – राशन कार्डधारियों को सस्ता पेट्रोल सब्सिडी योजना को जटिलताओं से भरा है. यह सरकार ठग और झूठी है. सरकार ने एप लॉन्च कर दिया है, लेकिन ये बताये कि कितने कार्डधारियों के पास एंड्राइड फोन और बाइक हैं. सरकार योजना के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है.
18 जनवरी – राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. सिर्फ कमेटी गठित कर मास्टर प्लान बनाने से काम नहीं चलेगा. गति शक्ति योजना के लिए सबसे पहले राज्य में बुनियादी सुविधाओं को बहाल करना होगा.
17 जनवरी – चान्हो में नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना पूरे राज्य को शर्मसार करने वाली है. सरकार विधि व्यवस्था को दुरुस्त करने की बजाय अवैध वसूली, जमीन कारोबार और विरोधी दल के नेताओं को झूठे मुकदमे में फंसाने का टेंडर दे रखी है.
15 जनवरी – पंचायत चुनाव कराने को लेकर राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं है. सरकार गांव-गिरांव के जमीनी मुद्दों से मुंह चुरा रही है. उसे डर है कि पंचायत चुनाव होंगे तो लोग गठबंधन सरकार को जबर्दस्त झटका देंगे. चुनाव नहीं कराकर राज्य सरकार ग्रामीण विकास कार्य को बाधित कर रही है.
14 जनवरी – झारखंड में लगातार हिंसात्मक घटना बढ़ती चली जा रही है. सिमडेगा सहित पूरे राज्य में जिंदा जलाने की प्रवृति भी बढ़ रही है. राज्य सरकार की कान में जूं भी नही रेंग रही है. इससे साफ जाहिर होता है कि राज्य की सरकार को कानून व्यवस्था ठीक हो, इसकी चिंता नहीं है.
12 जनवरी – प्रधानमंत्री की सुरक्षा में खिलवाड़ और साजिश के तार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से जुड़ा है. यह अचानक नहीं बल्कि आयोजित चूक थी. यह कुदरती घटना नहीं बल्कि कॉन्सपिरेंसी था.
11 जनवरी – राज्य सरकार को सिमडेगा के संजू प्रधान की हत्या का जवाब देना होगा. जबतक मृतक की पत्नी को न्याय नहीं मिल जाता, पार्टी चुप नहीं बैठेगी.
4 जनवरी – झारखंड जंगलराज की सीमा रेखा को भी लांघ गया है. यहां रोज विकृत और काला इतिहास रचा जा रहा है. यह सरकार मॉब लिंचिंग का कानून बनाती है और दूसरी ओर ऐसी घटनाएं रोज घटित हो रही हैं.
2 जनवरी – आपदा प्रबंधन द्वारा केवल कुछ पाबंदियों से कोरोना का समाधान नहीं होगा, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं भी महत्वपूर्ण है. केवल पाबंदियां गाइडलाइन ही नहीं राज्य सरकार कोरोना से बचाव की तैयारी पर श्वेतपत्र जारी करे.
2 जनवरी – केंद्र सरकार की योजनाओं को लटकाना और अटकाना हेमंत सरकार की नीयत में है. राज्य में हर घर नल जल योजना की धीमी गति है. अधिकतम 17 प्रतिशत घरों तक योजना का पहुंचना लापरवाही को उजागर करता है.
बाबूलाल मरांडी के एक महीने के ऑफिशियल बयान
31 जनवरी – झारखंड में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को टारगेट किया जा रहा है. पिछले दिनों पूर्व विधायक गुरुचरण नायक भी उग्रवादियों से बाल बाल बचे. वहीं रवींद्र राय के साथ जिस तरह की घटना हुई इसमें सुनियोजित षड्यंत्र से इनकार नहीं किया जा सकता.
25 जनवरी – जेपीएससी मामले में हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. आंदोलनरत छात्रों पर तानाशाह सरकार ने डंडे बरसाये. जल्द से जल्द सरकार जेपीएससी चेयरमैन को बर्खास्त करे नहीं तो भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में गड़बड़ी होती रहेगी.
14 जनवरी – 21वीं सदी में डायन बिसाही के नाम पर झारखंड में महिलाओं पर अत्याचार दुर्भाग्यपूर्ण है. समाज में अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण अक्सर ऐसी घटनाएं घटती हैं. ऐसी कुप्रथाओं और अंधविश्वास को रोकने के लिए सरकार के साथ समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी आगे आना चाहिए.
8 जनवरी – सिमडेगा में गो-हत्या और प्रतिबंधित मांस बेचने का विरोध करने पर संजू प्रधान का मॉब लिंचिंग हुआ. पुलिस मौके पर खड़ी होकर मूकदर्शक बनी रही. जिन तीन लोगों को मामले में गिरफ्तार किया गया है, उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. सरकार परिवार को 10 लाख का मुवावजा और पत्नी को सरकारी नौकरी दे.
7 जनवरी – सिमडेगा में मॉब लिंचिंग की घटना कोई साधारण घटना नहीं बल्कि एक बड़ी साजिश है. जिसे मीडिया में तोड़ मरोड़कर लकड़ी काटने और बेचने का विवाद बताकर रफा- दफा करने की कोशिश की जा रही है.
6 जनवरी – झारखंड सरकार उग्रवादियों और अपराधियों से या तो डरी हुई है या घिरी हुई है. पूर्व विधायक पर हमला के बाद पुलिस की कार्यशैली बताती है कि पुलिस डरी हुई है. गोइलकेरा की स्थिति सरकार के हाथ से बाहर है. वहां उग्रवादियों की समानांतर सरकार चल रही है.
5 जनवरी – मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता को बताएं कि राज्य में किसकी सरकार चलती है, उनकी या उग्रवादियों की. राज्य में पुलिस-प्रशासन नाम की कोई चीज नही रह गई है. समय रहते सरकार ने अगर उग्रवाद पर अंकुश नही लगाया तो स्थिति और भयावह हो जायेगी.
रघुवर दास के एक महीने के ऑफिशियल बयान
30 जनवरी- पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार अपराध नियंत्रण नहीं कर पा रही और गरीबों पर जुल्म कर रही है. मुख्यमंत्री को न कानूनी प्रावधानों का ज्ञान है और न फुटपाथ विक्रेताओं की चिंता. मोरहाबादी के स्ट्रीट वेंडर्स को तत्काल राहत दिया जाये और उन्हें व्यवस्थित किया जाये.
28 जनवरी – राज्य सरकार के 25 माह के कार्यकाल में एक से बढ़कर एक कारनामे हुए हैं. सत्ताधारी दल के दो भाइयों ने कोयला, पत्थर और बालू के धंधे का बंटवारा कर लिया है. संथाल और कोल्हान प्रमंडल में सरकार के संरक्षण में खनिजों की तस्करी हो रही है.
22 जनवरी – प्रतियोगिता परीक्षाओं में कट ऑफ डेट को बदलना गलत है. इसके कारण लाखों अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित हो रहे हैं. सरकार नियुक्तियों को बेचने का काम कर रही है. बीजेपी की सरकार आने पर अभ्यर्थियों को फिर से मौका दिया जायेगा.
14 जनवरी – फारेंसिक साइंस के छात्रों को वैज्ञानिक सहायक पद पर नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने दिया जाये.नियुक्ति नियमावली में सुधार के बिना यह संभव नहीं हो सकेगा. सुधार के बाद न केवल इन छात्रों को लाभ होगा, बल्कि सरकार को ही क्वालिटी में मैनपावर मिल सकेगा.
10 जनवरी – प्रदेश में सत्ता के संरक्षण में सिंडिकेट, माफिया और बिचौलियों की सरकार चल रही है. एक भी फाइल बिना सीएमओ में कमीशन दिये पास नहीं होता. योजना स्वीकृति पर कमिशन, टेंडर फाइनल होने पर कमीशन, योजना आवंटन होने पर कमीशन, और ट्रेजरी बिल पास करने पर कमीशन लगता है.
8 जनवरी – पुलिस के सामने षड्यंत्र रचकर सिमडेगा में संजू प्रधान की हत्या हुई है. बीजेपी सरकार के समय झारखंड को लिंचिंग पैड कहने वाले हेमंत को इस घटना में कुछ गलत क्यों नहीं दिख रहा. इस सरकार में अब तक 10 से ज्यादा लींचिंग की घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें 6 लोगों ने जान गंवाई और 13 से ज्यादा घायल हुए हैं.
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