Jamshedpur : कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल है. अस्पताल के नौ बेड के आईसीयू और सीसीयू में खराब मशीनें हटाकर नई मशीनें लगाई जा रही हैं. चार वेंटिलेटर, 3 बाइपैक मशीन और पांच ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर मशीन आज आईसीयू और सीसीयू वार्ड में लगा दी जाएंगी. एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार ने 20 अक्टूबर को आईसीयू और सीसीयू वार्ड का निरीक्षण किया था. वहां वेंटिलेटर, बाइपैक मशीन और ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेट मशीनें खराब थीं. उन्होंने तत्काल टेक्नीशियन को बुलाकर मशीनों की जांच करवाई और खराब मशीनों को हटाने का आदेश दिया. इसके बाद कोविड वार्ड में लगाई गई नई वेंटिलेटर, बाइपैक मशीन और ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेट को आईसीयू और सीसीयू में लगाने को कहा. 21 अक्टूबर की शाम को कोविड वार्ड से चार वेंटिलेटर, तीन बाइपैक मशीन और पांच ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेट मशीन को आईसीयू और सीसीयू में पहुंचा दिया गया. कोविड वार्ड में अभी मरीजों की संख्या काफी कम है. इसलिए वहां इन मशीनों का कोई काम नहीं है. उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले तक यह गंदगी, अच्छे ढंग से इलाज नहीं होना, अस्पताल में उपकरणों की कमी, खराब उपकरण, उपकरण हैं तो टेक्नीशियन नहीं आदि कारणों से जाना जाता था. इससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी होती थी. अधिक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें टीएमएच या रिम्स रेफर कर दिया जाता था.
अधीक्षक ने अस्पताल कैंटीन के प्रभारी को दाल की मात्रा बढ़ाने का दिया आदेश
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार ने गुरुवार की शाम मरीजों को दिए जाने वाले रात का खाना खुद खाकर गुणवत्ता की जांच की. इसमें उन्होंने सब्जी और रोटी की गुणवत्ता सही पाई. उन्होंने अस्पताल कैंटीन के प्रभारी को दाल पतला होने पर उसे और गाढ़ा करने के लिए दाल की मात्रा बढ़ाने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि मरीजों को प्रोटीन देने के लिए ही दाल दिया जाता है. दाल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होती है. ज्ञात हो कि कुछ दिन पूर्व ही मरीजों को दिए जाने वाले खाना बहुत ही घटिया था. इसकी शिकायत मिलने पर अधीक्षक कैंटीन में जाकर जांच की और गुणवत्तापूर्ण खाना देने का आदेश दिया था. खाना खराब होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी. अब प्रतिदिन कैंटीन का खाना डायटिशियन, अधीक्षक और उप अधीक्षक किसी एक को खाकर गुणवत्ता की जांच करनी पड़ती है.
अस्पताल में साफ-सफाई पहले से बेहतर
एमजीएम अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था पहले से बेहतर हो गई है. एमजीएम के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार अपनी पदस्थापना के बाद से साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. वे प्रतिदिन अस्पताल के हर वार्ड का दिन में चार बार निरीक्षण करते हैं.