Ranchi : बिजली विभाग में लाइन मेंटेनेंस के लिए रखे गये राज्य भर के 4000 मानव दिवस कर्मियों से कई तरह के कार्य लिये जा रहे हैं. बिजली विभाग ने मानव दिवस कर्मियों को जिस कंपनी के अंडर रखा है वह जय माता दी कंपनी कर्मचारियों से रेवेन्यू कलेक्शन, बिजली बिल वसूलने और लाइट काटने का काम ले रही है. इसे लेकर मानव दिवस कर्मियों में काफी आक्रोश है. 12 साल से बिजली विभाग में काम कर रहे मानव दिवस कर्मियों की मांग है कि विभाग ठेकेदार को हटाकर उन्हें बिजली बोर्ड के अंदर रखकर काम ले, क्योंकि कंपनी उनका शोषण कर रही है.
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कंपनी की मनमानी से परेशान कर्मचारी
झारखंड विद्युत सप्लाई तकनीकी श्रमिक संघ लगातार अपनी मांग को लेकर आवाज उठा रहा है, लेकिन विभाग खामोश है. संघ के कोषाध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि मानव दिवस कर्मी 12 साल से बिजली बोर्ड के लिए काम कर रहे हैं. पहले वे लोग बिजली विभाग के अंडर थे. इसी बीच उन लोगों ने नौकरी स्थायी करने की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने कहा कि विभाग उन्हें स्थायी करे न करे लेकिन नौकरी से नहीं हटा सकता. इसके बाद बिजली विभाग ने मानव दिवस कर्मियों को आउटसोर्सिंग कंपनी को लाइन मेंटेनेंस का काम दे दिया और सारे मानव दिवस कर्मी ठेकेदार के अंडर आ गये. अब सारे कर्मचारी कंपनी की मनमानी से परेशान हैं.
सैलरी लेट, एरियर भी नहीं मिला
मानव दिवस कर्मियों का कहना है कि वे पूरे महीने काम करते हैं, लेकिन कंपनी चार दिन की सैलरी काट लेती है. एक साल से कर्मियों को एरियर भी नहीं मिला है. आईआईटी किये हुए टेक्निशियनों का करीब 23 हजार रुपये और नन टेक्निकल कर्मियों का 22 हजार रुपये एरियर होता है, लेकिन यह भी अबतक नहीं मिला है. वहीं सैलरी भी एक महीने रोक कर दी जाती है. रांची के 600 समेत राज्यभर के 4000 मानव दिवस कर्मी इससे प्रभावित हो रहे हैं.
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