Vinit Upadhyay
Ranchi : चारा घोटाले मामले में बुरी तरह से फंसे लालू यादव एक बार फिर से सीबीआई कोर्ट में उपस्थित होने जा रहे है. मंगलवार को जिस मामले में रांची सीबीआई कोर्ट फैसला सुनाएगी, उसकी कहानी वर्ष 1996 में शुरू हुई थी. तत्कालीन बिहार के डोरंडा थाने में 17 फ़रवरी 1996 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी. डोरंडा थाने में दर्ज कांड संख्या 60/96 को पटना हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने 16 अप्रैल 1996 को टेकओवर किया था.
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CBI ने 3 चार्जशीट अदालत में दाखिल की
पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच का आदेश 11 मार्च 1996 को दिया था. डोरंडा थाना में दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए सीबीआई ने कुल 170 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 8 फरवरी 2001को इस मामले में संज्ञान लिया था. जिसके बाद CBI ने डोरंडा कोषागार से जुड़े इस मामले में 3 चार्जशीट अदालत में दाखिल की.
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CBI ने 575 गवाह और 14 बक्से दस्तावेज प्रस्तुत किये
सीबीआई द्वारा दर्ज किये गए कांड संख्या Rc/ 47 (A)96 में अब तक CBI ने 575 गवाह और 14 बक्से दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत किये हैं. जिनके जवाब में बचाव पक्ष ने भी 25 गवाहों को प्रस्तुत कर अपनी बेगुनाही साबित करने की कोशिश की है. केस के प्रमुख अभियुक्त लालू यादव ने अपने बचाव में 7 गवाह कोर्ट में हाजिर किये हैं.
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जानें कौन- कौन हैं शामिल
लालू यादव समेत 170 आरोपी डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस केस में ट्रायल फेस कर रहे थे. लेकिन लगभग 25 वर्ष से ज्यादा पुराने केस के ट्रायल के दौरान 55 आरोपियों की मृत्यु हो गई. 8 आरोपी सरकारी गवाह बन गए, 6 आरोपी अभी भी सीबीआई की गिरफ्त से बाहर हैं और 2 ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है. जिन आरोपियों के भाग्य का फैसला मंगलवार को होना है उसमें 4 पॉलिटिशियन,1 ब्यूरोक्रेट,1 इनकम टैक्स अधिकारी,29 डॉक्टर,53 सप्लार और 7 ट्रेजरी अधिकारी शामिल हैं.
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सजा होगी या फिर वो होंगे रिहा !
मंगलवार को होने वाली सुनवाई से पहले इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या एक बार फिर लालू यादव को सजा होगी या फिर वो रिहा होंगे. लेकिन चारा घोटाले के अब तक 4 मामलों में कोर्ट ने लालू यादव को सजायाफ्ता करार दिया है और कई गवाहों ने कोर्ट में यह बयान दिया है कि लालू यादव को इस पूरे घोटाले की जानकारी थी. ऐसे में अब कोर्ट क्या फैसला सुनाता है यह मंगलवार को पता चलेगा.
हालांकि अपनी गवाही के दौरान खुद लालू ने कहा था कि वे 100% निर्दोष हैं और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है. लेकिन CBI ने उनकी दलील का विरोध करते हुए कहा था कि चारा घोटाले में हुई वित्तीय अनियमितता के दोषी लालू यादव ही हैं. इससे जुड़े कई साक्ष्य CBI ने कोर्ट को दिये हैं.
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