Ranchi: झारखंड में नया ट्रेड लाइसेंस बनाने और लाइसेंस की रिन्यूअल की गति काफी धीमी है. राज्य के 40 नगर निकायों में 59,891 ट्रेड लाइसेंस का रिन्युअल पेंडिंग है. इसका कारण कोरोना काल में मैनपावर की कमी बताई जा रही है. उधर हजारों व्यापारी दस्तावेजों के अभाव में नया ट्रेड लाइसेंस नहीं बनवा पा रहे हैं और न ही लाइसेंस रिन्यूअल करवा पा रहे हैं. जिन व्यापारियों ने किसी तरह सारे दस्तावेज जमा कर दिये हैं. उनका भी लाइसेंस रिन्यूअल नहीं हो रहा है. सिर्फ रांची नगर निकाय में 37,225 ट्रेड लाइसेंस का रिन्युअल पेंडिंग है. वहीं धनबाद में 12775 व्यापारियों का लाइसेंस रिन्यूअल लंबित है.
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किस नगर निकाय में कितने लाइसेंस रिन्यूअल पेंडिंग
नगरनिकाय | पेंडिंग लाइसेंस रिन्यूअल |
रांची नगर निगम | 37225 |
धनबाद नगर निगम | 12775
|
आदित्यपुर नगर निगम | 588 |
बासुकीनाथ नगर पंचायत | 72 |
बिष्टुपुर नगर पंचायत | 108 |
बुंडू नगर पंचायत | 46 |
चाईबासा नगर परिषद | 32 |
चक्रधरपुर नगर परिषद | 38 |
चास नगर निगम | 617
|
चतरा नगर परिषद | 188 |
चिरकुंडा नगर पंचायत | 38 |
चाकुलिया नगर पंचायत | 20 |
देवघर नगर निगम | 712 |
दुमका नगर परिषद | 169 |
गढ़वा नगर परिषद | 122 |
गिरिडीह नगर निगम | 680
|
गोड्डा नगर पंचायत | 174 |
गुमला नगर परिषद | 193
|
हजारीबाग नगर निगम | 149 |
हुसैनाबाद नगर पंचायत | 288 |
जमशेदपुर एनएसी | 1160 |
जामताड़ा नगर परिषद | 99
|
झुमरी तिलैया नगर परिषद | 158 |
जुगसलाई नगर परिषद | 161 |
खूंटी नगर पंचायत | 294 |
कोडरमा नगर पंचायत | 88 |
लातेहार नगर पंचायत | 118 |
लोहरदगा नगर पंचायत | 196 |
मधुपुर नगर परिषद | 146 |
मानगो नगर निगम | 741 |
मंझियांव नगर पंचायत | 227 |
पाकुड़ नगर परिषद | 66 |
फुसरो नगर परिषद | 212 |
राजमहल नगर पंचायत | 28 |
रामगढ़ नगर परिषद | 260
|
साहेबगंज नगर परिषद | 192 |
सरायकेला नगर पंचायत | 150 |
सिम़डेगा नगर परिषद | 107 |
होल्डिंग नंबर के कारण व्यापारियों को हो रही परेशानी
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का कहना है कि ट्रेड लाइसेंस बनाने और नवीकरण की जटिल प्रक्रिया के कारण नगर निकायों और व्यापारियों को परेशानी हो रही है. चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा का कहना है कि ट्रेड लाइसेंस बनवाने या रिन्यूअल के लिए कई दस्तावेज व्यापारियों से मांगे जा रहे हैं. जबकि इतने कागजात की जरूरत नहीं है. एफिडेविट, इलेक्ट्रिक बिल के साथ-साथ होल्डिंग नंबर भी मांगा जा रहा है. जिन व्यापारियों के अपने दुकान हैं वो तो होल्डिंग नंबर दे सकते हैं, लेकिन जो लोग किराये के दुकानों में हैं उन्हें होल्डिंग नंबर देने की दिक्कत है. उसकी जगह रेंट एग्रीमेंट से भी काम चलाया जा सकता है. उन्होंने कहा है कि इस बारे में चैंबर की ओर से नगर विकास विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन प्रक्रिया सरल नहीं की गई है.
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