मां-बेटी दोनों है नि:संतान
Suman Sinha
Daru (Hazaribagh) : 60 साल की विधवा बेटी अपनी गोद में उठाकर 90 साल की मां को लेकर हर महीने बैंक पहुंचती है. वह भी सिर्फ विधवा पेंशन के लिए, ताकि इस पेंशन की राशि से उनका घर चल सके. दोनों मां बेटी के घर में कमाने वाला कोई नहीं है. पेंशन की राशि से ही दोनों का जीवन यापन होता है. पिता और एक भाई की मौत कई साल पहले ही हो गई. विधवा बेटी ही अपनी मां का भरण-पोषण किसी तरह से कर रही है.
दारू प्रखंड क्षेत्र के इरगा पंचायत के दारू खैरिका गांव की 90 साल की बचनी मसोमात पति स्व. द्वारिका साव की देखरेख करनेवाला कोई नहीं है. उसकी बेटी झलिया मसोमात (60 वर्ष) ने बताया कि पिता और एक भाई की मौत काफी साल पहले हो गई. उसकी भी शादी केरेडारी क्षेत्र के गर्रिकला में हुई थी, मगर शादी के कुछ दिन बाद ही पति की मौत हो गई. उसका कोइ संतान भी नहीं है. तब से ही अपनी मां के साथ रह रही है. किसी तरह अपना और अपनी लाचार मां का जीवन यापन कर रही है. विधवा पेंशन की राशि मिलती है तो थोड़ी सहूलियत हो जाती है. हर महीने पेंशन की राशि लेने के लिए मां को गोद में उठाकर बैंक आना पड़ता है. पूछने पर कि परेशानी नहीं होती है तो कहा कि क्या करें, मजबूरी है. कौन उनकी मदद करेगा.
क्या कहते हैं शाखा प्रबंधक
शाखा प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि पेंशन के लिए एक महिला द्वारा गोद में उठाकर वृद्ध मां को लाने की जानकारी उन्हें मिली है. महिला का अंगूठा लगाकर पैसे की निकासी नहीं पा रही है, जिस कारण इतनी उम्रदराज महिला को भी बैंक आना पड़ रहा है. वह प्रयास करेंगे कि महिला को लाइन में नहीं लगना पड़े और उनका काम अविलंब बैंक से हो जाये, ताकि परेशानी नहीं हो.
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