Ranchi : 6th JPSC मामले में झारखण्ड हाईकोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अपीलार्थियों की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण और वरीय अधिवक्ता पीएन शाही और अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने पक्ष रखा. प्रतिवादियों की ओर से वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा, अजीत कुमार, सुभाष रसिक सोरेन, अमृतांश वत्स, अपराजिता भारद्वाज और कुमारी सुगन्धा उपस्थित हुई. खंडपीठ ने सभी पक्षों की सहमति से मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है.
बता दें कि छठी जेपीएससी मामले में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले से सफल अभ्यर्थियों को बडी राहत मिली है. झारखंड हाईकोर्ट में छठी जेपीएससी मामले में दायर अपील याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. प्रार्थी शिशिर तिग्गा और अन्य की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की डबल बेंच ने रिट दायर करने वाले याचिकाकर्ताओ को नोटिस जारी कर प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है.
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6 सप्ताह के बाद होगी सुनवाई
राज्य सरकार की तरफ से उपस्थित महाधिवक्ता राजीव रंजन एवम पीयूष चित्रेश ने अदालत को बताया कि सरकार ने सिंगल बेंच में रिट का विरोध किया था, लेकिन अब सरकार सिंगल बेंच के आदेश का अनुपालन करना चाहती है. जिसपर कोर्ट ने कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण मामला है और इससे कई लोगों की नौकरी प्रभावित होंगी.अब इस मामले की सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति डॉ रविरंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई.
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एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए आदेश को निरस्त करने की गुहार लगायी गयी है
प्रार्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण झारखण्ड हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया समेत हाईकोर्ट के कई वकीलों ने अपील याचिका पर बहस की. इस मामले में सिंगल बेंच में याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा पूर्व में ही हाईकोर्ट के समक्ष कैविएट दायर की जा चुकी थी. हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार और उनके साथ अधिवक्ता कुमारी सुगन्धा ने कैविएट पर बहस की. छठी जेपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की ओर से इस मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की गयी है. प्रार्थी शिशिर तिग्गा समेत अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दाखिल याचिका में हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए उस आदेश को निरस्त करने की गुहार लगायी गयी है.
याचिका में कहा गया है कि छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) का अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है. इसी आधार पर जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट जारी की थी. इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, अर्पण मिश्रा और अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया प्रार्थियों के अधिवक्ता हैं.
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सफल अभ्यर्थियों ने डबल बेंच में अपील दायर की है
बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई छठी जेपीएससी परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया था. जिसके बाद इस परीक्षा में सफल और असफल हुए अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है. लेकिन सफल अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील दायर की है.
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