Saurav Singh
Ranchi: सात ट्रक कोयला की दो जांच रिपोर्ट्स के अलग-अलग निष्कर्ष क्यों है. इन तथ्यों से समझें.
तथ्य 01 – 28 जून को खलारी से 25 ट्रक कोयला रामगढ़ जिला को गोला स्थित इनलैंड पावर कंपनी के लिये चला. इनमें से सात ट्रक कोयला कुजू ओपी स्थित श्रीराम पावर एंड स्टील प्राईवेट लिमिटेड के गेट के बाहर पुलिस ने पकड़ा.
तथ्य 02- 30 जून को रामगढ़ एसपी ने इसकी जांच की और पाया कि ट्रक चालक रास्ता भटक कर कुजू-घाटो रोड स्थित श्री राम पावर एंड स्टील कंपनी के गेट तक पहुंच गया. कोयले के कागजात सही हैं. उनके आदेश पर ट्रकों को छोड़ दिया गया.
तथ्य 03 – 30 जून को ही दिन के 3.00 बजे रामगढ़ के एसडीपीओ ने आईजी को ट्रकों को पकड़े जाने और फिर छोड़े जाने की सूचना दी. जिसके बाद आईजी ने डीएसपी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया.
तथ्य 04 – 01 जुलाई को डीएसपी ने खलारी के रोहिणी कोल परियोजना जाकर इनलैंड पावर को मिलने वाली कोयले के कागजातों की जांच की.
तथ्य 05 – 02 जुलाई को डीएसपी ने गोला स्थित इनलैंड पावर में जाकर जांच की. जांच के दौरान इनलैंड पावर के अधिकारियों ने बहाना बनाकर कागजात नहीं दिखाये. ऐसा डीएसपी की रिपोर्ट कहती है.
तथ्य 06 – 05 जुलाई को दिन के करीब दो बजे डीएसपी दोबारा इनलैंड पावर कंपनी पहुंचे और कागजात की मांग की. नहीं देने पर डीएसपी ने कंपनी के अधिकारियों को आईजी के पास चलने के लिये कहा. कंपनी की तरफ से इसकी शिकायत कई स्तर पर की गई.
तथ्य 07 – पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर रामगढ़ एसपी ने पूरे मामले की जांच की और अपनी रिपोर्ट भेजी. जिसमें कहा गया कि डीएसपी ने इनलैंड पावर में जाकर गलत व्यवहार किया. साथ ही आईजी का नाम लेकर उनकी छवि को धूमिल किया.
तथ्य 08 – 10 जुलाई को डीएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट आईजी को भेजी, जिसमें उन्होंने कोयला लदे सात ट्रकों कुजू क्षेत्र से पकड़े जाने की घटना को अवैध ट्रांसपोर्टिंग बताया है.
इसके साथ ही डीएसपी किशोर रजक के फेसबुक पोस्ट का स्क्रिन शॉट वायरल हो रहा है. जिसमें उन्होंने लिखा हैः उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. हालांकि लगातार.इन ने जब किशोर रजक के फेसबुक वॉल को चेक किया तो वहां यह पोस्ट नहीं दिखा है. संभव है, पोस्ट डीएसपी को फेसबुक फ्रेंड्स को दिखते हों. बहरहाल, इस पोस्ट को लोग अपने-अपने आग्रह-पूर्वाग्रह के साथ अपने-अपने तरीके से देख रहे हैं.
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प्लांट की बजाए दूसरी जगह भी होती है बिक्री
एक तथ्य यह भी सामने आ रहा है कि पावर कंपनियों को कम दर पर मिलने वाले कोयले को प्लांट की जगह दूसरी जगह बेचने का काम भी होता रहता है. इस मामले में दोनों तरह की बात हो सकती हैं. सात ट्रक कोयला गलत तरीके से बेचने के लिये भी श्रीराम पावर प्लांट के गेट पर पहुंच सकते हैं और रास्ता भटकने की वजह से भी. यह जांच से ही स्पष्ट हो पायेगा.
इस पूरे मामले को लेकर मीडिया में लगातार खबरें आ रही हैं. नये-नये तथ्य और रिपोर्ट सामने आ रहे हैं. पहले विधायक ममता देवी का बयान मीडिया में आया. जिसके बाद लगातार.इन ने एसपी की वह रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने डीएसपी किशोर रजक का इनलैंड पावर में जाने की घटना को गलत करार दिया है. अन्य मीडिया संस्थानों ने अलग-अलग खबरें प्रकाशित कीं. इस प्रकरण से पुलिस विभाग की फजीहत हो रही है. बहरहाल, अब पूरे मामले की पड़ताल पुलिस मुख्यालय की स्तर से शुरु कर दी गयी है. इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही सच सामने आ जायेगा.
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