Ranchi: धनबाद में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट(डीएमएफटी) के तहत हर साल विभिन्न योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. कोरोना महामारी के दौरान भी करोड़ों खर्च किये गये हैं. राशि खर्च करने का दायित्व जुडको लिमिटेड के परियोजना निदेशक और नगर आयुक्त धनबाद को सौंपा गया था. इसमें गडबड़ी की शिकायत मिलने पर धनबाद के उपायुक्त वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 और वर्ष 2020-21 में अब तक हुए खर्च की विस्तृत जांच करा रहे हैं. जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनायी गयी है. जांच टीम ने योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति, योजनाओं का इम्पैक्ट असेसमेंट, वास्तविक स्थिति और भौतिक सत्यापन शुरू कर दिया है. टीम जल्द जांच रिपोर्ट सौंप भी देगी. करीब 800 करोड़ रुपयों के खर्च की जांच चल रही है.
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डीएमएफटी फंड के तहत कहां खर्च हुई राशि
धनबाद शहरी जलापूर्ति योजना फेज-2, नगर निगम क्षेत्र में पेयजलापूर्ति के लिए टैंकर खरीद, सड़कों की सफाई के लिए रोड स्वीपिग मशीन और धनबाद शहरी क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट के अधिष्ठापन से संबंधित छोटी-बड़ी विभिन्न योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये.
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टीम क्या-क्या जांचेगी
- जांच टीम यह देखेगी कि यह योजना कितनी जरूरी थी, इसके लिए जो डीपीआर बनाया गया, क्या वह योजना के अनुकूल है
- इस पर कितना काम हो चुका है, कितनी राशि खर्च की गई है, कितनी होनी चाहिए थी, डीएमएफटी फंड से ही राशि क्यों खर्च की गई, किसी योजना का एस्टीमेट तो अधिक नहीं है आदि.
विभिन्न योजनाओं पर डीएमएफटी के तहत खर्च की गयी राशि
- धनबाद शहरी जलापूर्ति योजना फेज-2 : लागत 89 करोड़, निर्माण अवधि 36 माह, जलस्त्रोत मैथन डैम एवं दामोदर नदी, इंटेक वेल 77 एमएलडी, ग्राउंड लेवल सर्विस रिजर्वायर 8.6 एमएल, दो जलशोध संस्थान (दस एमएलडी भेलाटांड़ एवं 5.5 एमएलडी कांड्रा), 570 किमी का पाइपलाइन नेटवर्क, 76 हजार 79 घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य
- नगर निगम क्षेत्र में पेयजलापूर्ति के लिए वाटर टैंकर की खरीद: लगभग एक करोड़ रुपये.
- सड़कों की सफाई के लिए पांच छोटी-बड़ी रोड स्वीपिग मशीन की खरीदारी: तीन करोड़ रुपये.
- धनबाद शहरी क्षेत्र में कंबाइंड बिल्डिग से मेमको मोड़ और बैंक मोड़ से कतरास तक स्ट्रीट लाइट का अधिष्ठापन : तीन करोड़ रुपये.
- प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी: परियोजना लागत 10 करोड़, कुल क्षेत्र दस एकड़, कुल आवासीय इकाइयों की संख्या 1500, प्रति इकाई क्षेत्रफल 29.1 वर्ग मीटर.
- अन्य योजनाओं पर खर्च: लगभग 250 करोड़.
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