NewDelhi : MGNREGA की विभिन्न योजनाओं में झारखंड सहित कई राज्यों में 935 करोड़ रुपये की वित्तीय हेराफेरी किये जाने की खबर है. ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक डेटा पर नजर डालें तो ग्रामीण विकास विभागों (RDD) के तहत पिछले चार वर्षों में भारत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की विभिन्न योजनाओं में 935 करोड़ की वित्तीय घोटाला किया गया है. झारखंड सहित बिहार, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात उन राज्यों में शामिल हैं. जहां MGNREGA में घोटाला किया गया है.
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हेराफेरी का खुलासा सोशल ऑडिट यूनिट ने किया
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय से मिले डेटा में कहा गया है कि हेराफेरी का खुलासा सोशल ऑडिट यूनिट (SAU) ने किया है. डेटा के अनुसार इस राशि का लगभग 12.5 करोड़ रुपये यानी 1.34 फीसदी ही अभी तक वसूल किया जा सका है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सरकार में एक स्रोत के माध्यम से वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2020-21 तक का डेटा निकाला गया है.
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2.65 लाख ग्राम पंचायतों में SAU ऑडिट किये गये हैं
2017-18 में डेटा अपलोड होने के बाद से, पिछले चार वर्षों में कम से कम एक बार देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 2.65 लाख ग्राम पंचायतों में SAU ऑडिट किये गये हैं. बता दें कि केंद्र सरकार ने 2017-18 में मनरेगा के लिए 55,659.93 करोड़ रुपये जारी किये थे और तब से यह राशि हर साल बढ़कर 2020-21 में 1,10,355.27 करोड़ रुपये हो गयी है. योजना पर कुल खर्च 2017-18 में 63,649.48 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 में 1,11,405.3 करोड़ रुपये हो गया है.
SAU ऑडिट से वित्तीय हेराफेरी का पता लगा है. जिसमें रिश्वतखोरी, और गैर-मौजूद व्यक्तियों और विक्रेताओं को उच्च दरों पर खरीदी गयी सामग्री के लिए भुगतान शामिल है.
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झारखंड ने सबसे अधिक प्राथमिकी दर्ज की है
झारखंड ने इस मामले में सबसे अधिक प्राथमिकी दर्ज की है. पिछले चार वर्षों में देश भर में दर्ज 38 में से 14 प्राथमिकी झारखंड में दर्ज हुई है. यहां दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और 31 की सेवाएं समाप्त कर दी गयी है. हालांकि, 51.29 करोड़ रुपये की हेराफेरी में से केवल 1.39 करोड़ रुपये (2.72%) की वसूली की जा सकी है
तमिलनाडु ने राज्य भर में 12,525 ग्राम पंचायतों में सबसे अधिक 245 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. जिसके लिए 37,527 ऑडिट रिपोर्ट अपलोड की गयी. इसमें से 2.07 करोड़ रुपये की ही वसूली की जा सकी है. यह हेराफेरी की गयी कुल राशि का केवल 0.85फीसदी है
आंध्र प्रदेश में 239.31 करोड़ रुपये का घोटाला
आंध्र प्रदेश में 12,982 ग्राम पंचायतें हैं. राज्य में 31,795 सोशल ऑडिट किये गये हैं. यहां 239.31 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया,जिसमें 4.48 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है, जो हेराफेरी की गयी कुल राशि का केवल 1.88% है. यहां 14.74 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और 10,454 कर्मचारियों को चेतावनी दी गयी है.
इसके अलावा कुल 551 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और 180 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है. तीन एफआईआर दर्ज की गयी हैं. बिहार में 12.34 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल में 2.45 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गयी है. वहीं गुजरात में महद 6,749 रुपये की हेराफेरी किये जाने की सूचना है.