Ranchi : झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जियाडा) की ओर से उद्यमियों से चक्रवृद्धि ब्याज वसूले जाने पर चेंबर ने पत्राचार किया है. चेंबर की ओर से पत्र उद्योग सचिव और निदेशक को लिखी गयी है. पत्र की जानकारी देते हुए चेंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि कोविड महामारी की पहले और दूसरी लहर के बाद, व्यवसायियों के सामने विकट स्थिति आ गयी है. कोविड की चुनौतियों से निपटने के लिए आरबीआई ने स्टेकहोल्डर्स को कई सुविधाएं दी हैं.
जिसमें बैंक ऋण को रि-शिड्यूल के साथ ही ब्याज में छूट एवं ब्याज स्थगन जैसी सुविधाएं शामिल हैं. लेकिन चिंता का विषय है कि जियाडा की ओर से इस समय जुर्माना और चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जा रहा है. ये ब्याज जमीन के किश्तों में ली जा रही है. जिसमें नये उद्योगों को लगाने के लिए जियाडा की ओर से एक अवधि तय की जाती है. जिसमें जमीन का किश्त दिया जाना होता है.
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अतिरिक्त वित्तीय भार
छाबड़ा ने कहा कि एक ओर आरबीआइ उद्यमियों को राहत दे रही है. वहीं जियाडा की ओर से जुर्माना वसूला जा रहा है. जबकि किश्त भुगतान के लिए समय रि शिड्यूल नहीं किया गया, न ही कोई सूचना दी गयी. ऐसे में उद्यमियों के लिए वित्तीय भार सहन करना मुश्किल है. उन्होंने पत्र के माध्यम से आग्रह किया कि मार्च 2020 से जून 2021 के बीच जितनी किश्तों का भुगतान होना था, उसके उपर लग रहे ब्याज और जुर्माने से छूट दी जाये. विभाग के इस प्रयास से लॉकडाउन के कारण वित्तीय बोझ से दबे उद्यमियों को राहत मिलेगी.
कठिनाईयों को देखना चाहिए
पूर्व चेंबर अध्यक्ष दीपक कुमार मारू ने कहा कि राज्य औद्योगिक निवेश के लिए नयी-नयी नीतियां आ रही हैं. ऐसे में उद्योगों के सामने आ रही कठिनाईयों को भी देखना होगा. इस संकट के समय में किश्त के भुगतान में विलंब पर ब्याज और जुर्माना लगेगा, तो कई उद्योग ऐसे होंगे जो लगने के पहले ही बंद हो जायेंगे. सरकार भी ऐसा नहीं चाहती. ऐसे में विभाग को तत्परता दिखानी होगी.
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