Ranchi : गुमला व पलामू में करोड़ों के गबन मामले के अभियुक्त निर्भय कुमार उर्फ विवेक सिंह को सीआईडी ने गिरफ्तार किया है. सीआईडी एडीजी अनिल पालटा के निर्देश पर सीआईडी की टीम ने कार्रवाई करते हुए बिहार के जमुई जिले खैरमा गांव से निर्भय कुमार को गिरफ्तार किया है.
आरोप हो कि निर्भय कुमार ने अपराधियों की मिलीभगत से एसबीआई गुमला के आईटीडीए सरकारी खाते से 27 सितंबर 2019 को फर्जी चेक के माध्यम से 9.16 करोड़ और भू अर्जन कार्यालय पलामू के डाल्टनगंज एसबीआई खाते से 12.60 करोड़ रुपए की सरकारी राशि की अवैध निकासी की है.
जिन फर्जी चेक और forged RTGS application form के माध्यम से फर्जी निकासी की गयी थी, वह गिरफ्तार अभियुक्त निर्मल के द्वारा लिखा और तैयार किया गया था. निर्मल ने अपने बयान में इसे स्वीकार किया है. सीआईडी की टीम ने निर्मल कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
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गबन में शामिल अन्य अभियुक्तों को सीआईडी पहले कर चुकी है गिरफ्तार
करोड़ों रुपए से इस गबन मामले में शामिल अन्य अभियुक्तों को सीआईडी पहले भी गिरफ़्तार कर जेल भेज चुकी है. जिनमें साजन उर्फ मनीष, गणेश लोहरा, पंकज तिग्गा, मो इकबाल अंसारी, मनीष पांडेय और राजकुमार तिवारी को सीआइडी पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. सीआइडी ने पिछले 13 मई को पलामू के विशेष भू-अर्जन उत्तरी कोयल परियोजना मेदनीनगर से 12.60 करोड़ के गबन और गुमला में समेकित जनजाति विकास अभिकरण के 9.05 करोड़ के गबन के मामले में जांच टेकओवर की थी.
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गुमला में फर्जी चेक के माध्यम से की गयी थी 9.05 करोड़ की निकासी
जानकारी के अनुसार समेकित जनजाति विकास अभिकरण, गुमला के अपर परियोजना निदेशक ने 10 अक्टूबर 2019 को गुमला थाने में कांड संख्या 324 /19 में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि समेकित जनजाति विकास अभिकरण, गुमला के खाते से एसबीआइ गुमला से जारी चेक पर फर्जी तरीके से 9.05 करोड़ रुपये ओडिशा में एक्सिस बैंक के कोटपाद शाखा में स्थानांतरित कर दिये गये हैं. एक ही व्यक्ति ने दो फर्जी हस्ताक्षर से इस राशि की निकासी की है. यह गलत ढंग से एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया है. दर्ज प्राथमिकी में एसबीआइ की गुमला शाखा में कार्यरत संबंधित कर्मी-पदाधिकारी को आरोपित किया गया है.
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पलामू में भू-अर्जन विभाग में 12.60 करोड़ रुपये का हुआ था घोटाला
पलामू के विशेष भू-अर्जन कार्यालय में पिछले साल 12.60 करोड़ का घोटाला हुआ था. इसमें भू-अर्जन विभाग का नाजिर जेल भेजा गया था. इस पूरे प्रकरण में नाजिर रमाशकर सिंह उर्फ रविशकर, तत्कालीन विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी बंका राम, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कचहरी शाखा के पूर्व मुख्य प्रबंधक, फर्जी संस्थान शीतल कंस्ट्रक्शन व फर्जी निकासी करने वाले चंदूलाल पटेल समेत 7 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था.
पलामू के शहर थाना में 25 अक्टूबर 2019 को कांड संख्या 378/19 सभी अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में विशेष भू-अर्जन विभाग के नाम से एसबीआइ में संचालित खाते के चेक से शीतल कंस्ट्रक्शन ने एक बार में 4 करोड़ 20 लाख की निकासी की थी. दूसरी फर्जी निकासी संबंधित विभाग के खाते के चेक से चंदूलाल पटेल ने 8 करोड़ 40 लाख रुपये की हुई. इस तरह एक दिन में कुल 12 करोड़ 60 लाख की अवैध निकासी की गयी थी. जांच में पाया गया था कि बैंक के फर्जी चेक पर विशेष भू-अर्जन अधिकारी ने राशि निकाली है.