Jamshedpur : जिला प्रशासन 10 अगस्त से विभिन्न क्षेत्रों में कैम्प लगाकर अधिग्रहित की गई भूमि के रैयतदारों का सत्यापन करेगा. जिन्होंने अब तक मुआवजा के लिए आवेदन नहीं दिया है उनसे आवेदन भी लिया जाएगा. राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच) 33 और 220 (हाता से तिरिंग पथ) एवं भवन निर्माण की विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के रैयतदारों को सत्यापन के बाद बैंक खाते में मुआवजा राशि भेज दी जाएगी. जिला प्रशासन कैम्प में उनकी समस्याएं भी सुनेगा. यह निर्णय सोमवार को एडीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया.
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एडीसी प्रदीप प्रसाद ने बताया कि अधिकांश रैयतदारों को मुआवजा दे दिया गया है. कुछ रैयतदार वंचित हैं. वहीं कहीं-कहीं इसको लेकर विवाद भी है. कैम्प 10 अगस्त को पिताजुड़ी से डोमजुड़ी एवं कोवाली से लाईलम घाटी तक पथ के लिए जमीन देने वाले रैयतों के लिए होगी. गुड़ा जियान से धालभूमगढ़ पथ के लिए 12 अगस्त और बॉसदा से पथरा पथ एवं कोवाली से डुमरिया पथ के लिए 16 अगस्त को कैम्प लगाया जाएगा. बैठक में एनएच 33 एवं एचएच 220 के प्रतिनिधि के अलावे पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता और जिला भू-अर्जन पदाधिकारी शामिल थे.