NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और अटल विहारी वाजपेयी को लोकतंत्र का आदर्श राजनेता बताया है. कहा कि सरकार और विपक्ष के नेताओं को आत्ममंथन कर अपने बर्ताव को और बेहतर बनाने की जरुरत है. बता दें कि हिंदी चैनल न्यूज नेशन के एक कार्यक्रम में गडकरी ने बुधवार को कहा कि वाजपेयी और नेहरू, ये हिंदुस्तान के लोकतंत्र के दो आदर्श नेता थे. दोनों कहते थे कि मैं अपने लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करूंगा.
लोकतंत्र में इस तरह का बर्ताव सही नहीं है
गडकरी हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान वहां सांसदों के बर्ताव को लेकर अपने विचार रख रहे थे. जान लें कि तीन कृषि कानूनों, पेट्रोल-डीजल के बढ़ती कीमतो और पेगासस जासूसी मामले में संसद का लगभग पूरा सत्र बर्वाद हो गया. हालांकि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे गडकरी ने उन दिनों को याद करते हुए कहा कि एक समय था जब मैं भी सदन की कार्यवाही में बाधा डालने में सबसे आगे होता था. उन्हीं दिनों मेरी मुलाकात अटल जी से हुई. उन्होंने मुझे समझाया कि लोकतंत्र में इस तरह का बर्ताव सही नहीं है. आप सही तरीके से अपनी बात जनता तक पहुंचा सकें ये बेहद जरूरी है.
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सरकार और विपक्ष सभी को आत्ममंथन करना चाहिए
इस क्रम में गडकरी ने कहा, सदन में अपने बर्ताव को लेकर सरकार और विपक्ष सभी को आत्ममंथन करना चाहिए. क्योंकि आज जो विपक्ष है वो कल सत्ता में भी आ सकता है. आज की सत्तारूढ़ पार्टी कल विपक्ष में बैठ सकती है. कहा कि हमारे रोल बदलते रहते हैं. नितिन गडकरी ने कहा कि मानसून सत्र में जिस तरह का हंगामा हुआ उस से उन्हें बहुत तकलीफ हुई. कहा कि मैं अपने अब तक के राजनीतिक सफर में कई साल विपक्ष में ही रहा हूं.
मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष का होना जरूरी
कांग्रेस पार्टी के संदर्भ में गडकरी ने कहा कि, एक सफल और मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष का होना बेहद जरूरी है. नेहरु ने हमेशा ही वाजपेयी जी को इज्जत दी. वो हमेशा मजबूत विपक्ष की जरूरत पर जोर देते थे. इसलिए कांग्रेस पार्टी विपक्ष के तौर पर और मजबूत बननी चाहिए.